Saturday, July 31, 2010

कुछ हटकर, अलग से ख्याल~~~


कुछ हटकर, अलग से ख्याल !
SHIRDI SAI BABA POEMS by DEVOTEES
कुछ हटकर, अलग से ख्याल 



जैसा बोया है बैसा ही काटोगे

मैं कभी मूक नहीं होता,
उपेक्षा नहीं करता किसी की,
तुम्हारी वाणी में बोलता रहता हूँ,
जब कोई मुझे पुकारता है प्रेम से,
मैं दौड़ा आता हूँ,
जब भी कभी कोई द्रोपदी या गजराज पुकारेंगे,
मैं आऊँगा।

जो तुम्हें मिलता है इस संसार में,
वह फल है तुम्हारे कर्मों का,
पिछले जन्मों में किए थे तुमने जो,
जैसा बोया है बैसा ही काट पाओगे,
यह नियम है,
जिसे तुम क्या,
मैं भी नहीं तोड़ सकता.

झांको अपने अन्दर प्रेम और विश्वास से,
मैं नजर आऊँगा तुम्हें,
मैं तुम में हूँ, तुम मुझसे हो,
जब अलग महसूस करते हो ख़ुद को,
तभी आस्था डगमगाती है तुम्हारी,
आ जाओ मेरी शरण में जैसे अर्जुन आया था,
मैं तुम्हें भय और दुःख से मुक्त कर दूँगा.


 Suresh Chandra Gupta 

Wednesday, July 14, 2010

कुछ हटकर, अलग से ख्याल~~~

SHIRDI SAI BABA POEMS 
कुछ हटकर, अलग से ख्याल !!


न चाहतें होंगी,न अरमान होंगे,
तो रास्ते शायद आसान होंगे!

न पहचान होगी कोई ज़िन्दगी की,
एहसास पत्थर से बेजान होंगे!

मंजिल को पाके भी ढूंढेंगे मंजिल,
ये आगाज़ होंगे या अंजाम होंगे!

किन-किन की बातों को अपना बनाएं,
हम ही खुद की बातों से अनजान होंगे!

तेरी शख्सियत के ही चर्चे रहेंगे,
हम गुमनाम ही थे,हम गुमनाम होंगे!

बसा लो कोई घर यहीं पर बना कर,
हम तो बस दो दिन के मेहमान होंगे!

न जाने कहाँ फिर मिलोगे हमें तुम,
बुलाना न हमको,हम बेनाम होंगे!
--By Bhawna
flower

कुछ हटकर, अलग से ख्याल~~~

SHIRDI SAI BABA POEMS~~


कुछ हटकर, अलग से ख्याल !!


ॐ साईं राम!!!

कौन हमारे कौन तुम्हारे ?
सब तरफ है कूर पसारे,
ये उसने कहा ये इसने कहा,
अरे नहीं ये है हमारे सुनाने की खता,
ये इसने किया ये उसने किया ,
अरे क्या किसी से करे गिला ,
सबको मिलना अपना किया,
ऐ दिल खुद को न जला ,
जीते जी के सभी पसारे ,
ये हमारे ये तुम्हारे ,
क्यों तड़प तड़प कर मर रहा प्यारे ,
ऐ दिल छोड़ हमारे तुम्हारे !!!

जय साईं राम!!!
flower

Saturday, July 3, 2010

SHIRDI SAI BABA POEMS | SAI SEWIKA ji POEMS

SHIRDI SAI BABA POEMS 


by SAI SEWIKA ji


ॐ साईं राम


आज सूरज फिर उगा
आज सूरज फिर ढला
वक्त की सूली पर फिर
एक दिन और चढा

खामोशियों के काले साऐ
और खिंचे, और गहराऐ
अतीत बनकर गुम होने को
एक कदम और बढा

लम्बी स्याह रात आकर
रुक गई, थमी रही
रौशनी की कोशिशों में
चाँद रात भर जला

साँसें काम करती रहीं
आती रहीं, जाती रहीं
उम्र की बही में आज
एक दिन और चढा!!

जय साईं राम
 flower
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

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