Friday, January 22, 2010

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ साँई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

अब और मुझसे सहा न जाए
इक पल भी दूर रहा न जाए
अब मुझे कुछ भी न भाए
सांस लेना भी भारी लगे
हर पल आप की याद सताएं
आप ने क्या कर दिया
मेरा कैसा हाल किया
अब तो आँसू भी नहीं आते
जब आते है तो रूक नहीं पाते
आप की छवि आँखों में रहती
दिल को मेरे कचोटती रहती
बाहें फैलाए मुझे बुलाती
पर मैं तो आ ही न पाते
फिर उस पल मेरा दिल घबराए
जी चाहे अभी उङ जाए
पंछी बिन पर जैसे फङफङाए
इसका वही हाल हो जाए
ये आप तक आ न पाए
बस यहीं पङा मायूस हो जाए
अब और सही नहीं जाती ये सजाएं
अब तो आप कृपा बरसाएं
मुझको चरणों में अब बिठाएं~~~

jyot jyot jyot jyot jyot

जय साँई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

हम हंसते बाबा के नाम संग~
हम रोते बाबा के नाम संग~
हम जागते बाबा के नाम संग~
हम सोते बाबा के नाम संग~

सुख बांटते बाबा के नाम संग~
दुःख बांटते बाबा के नाम संग~
हर पल बाबा के नाम संग~
हर क्षण बाबा के नाम संग~

हर लब की मुस्कुराहट बाबा के नाम संग~
हर आँख के आँसू सूखे बाबा के नाम संग~

आशा की पहली किरण बाबा के नाम संग~
आखरी उम्मीद बाबा के नाम संग~
तन मन की चाह बाबा के नाम संग~
हर जीवन का आधार बाबा के नाम संग~

इस आँगन में हर पल रहते बाबा के नाम संग~
सब की मनोकामना पूरी होती बाबा के नाम संग~
सब मिल एक दूसरे के लिए प्रार्थना करते बाबा के नाम संग~
सब की मुरादे पूरी होती बाबा के नाम संग~

जय सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

बढता जाता है कुछ अजीब सा एहसास,
नहीं कोई भी मेरे साथ,
बस एक तेरी दिल को आस,
मेरे सांई मेरे बाबा~~कहां हो तुम~~

छुटता जाता है कुछ रिश्तों का साथ,
नहीं बढ़ाता कोई अपना हाथ,
बस एक तेरी ही नज़र की प्यास,
मेरे सांई मेरे बाबा~~कहां हो तुम~~

दिखाई देती है हर खुशी भी उदास,
रूकी-रूकी सी आती है हर सांस~
बस एक तेरी ही है तलाश,
मेरे सांई मेरे बाबा~~कहां हो तुम~~

जय सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

शुक्रियां,इनायत,कर्म,मेहरबानी,
दी मुझे जो नई ज़िन्दगानी,
मैं भी इंसान हूँ ये बताया मुझको,
मुझमें भी भगवान है ये समझाया मुझको!!

मुझमें दिल धङकता है मुझे भूल सा गया था,
क्योंकि एक भारी बोझ तले दबा था,
मुझमें भी प्यार भरा है एहसास करवाया मुझको,
जीने का नया रास्ता दिखाया मुझको!!

परमेश्वर कैसा है नहीं जानती हूँ मैं,
पर सांई, जरूर तेरे जैसा होगा ये मानती हूँ मैं!!!

जय सांई राम!!!

मेरा जी चाहता है साईं

ॐ सांई राम!!!

मेरा जी चाहता है साईं

रे मन साईं नाम जप
पल पल आठों याम
लगन लगी जो नाम की
तो होगा तव कल्याण~~~

चलता चल संसार में
पकड नाम की डोर
लक्ष्य बना ले एक ही
शुभ चरणों की ठौर~~~


बस इसी तरह,
धीरे धीरे कदम बढ़ाते बढ़ाते,
मैं यूँ ही होती गई बाबा के करीब,
पता न चला कि कब थामी बाबा ने बाह,
कब रखा सिर पर अपना हाथ,
कब बना सांई मेरा सहारा,
कुछ न पता चला,
बस~
बाबा तुम्हारी तरफ बढ़ते हर कदम पर यही महसूस किया,
कि मैं खुद से ही दूर होती चली गई~~

सुरेखा दी फिर से आप का शुक्रियां और नमन.... angelic

जय सांई राम!!!

ऐसे साईं सिमरिए

ॐ साईं राम
ऐसे साईं सिमरिए
रे मन साईं नाम जप
पल पल आठों याम
लगन लगी जो नाम की
तो होगा तव कल्याण

ऐसे साईं सिमरिए
ज्यों नवेली नार
सिमरे प्रियतम प्यारे को
भूल के सब संसार

जैसे गढे खजाने में
रहे कृपण का ध्यान
धर के ऐसे ध्यान तू
सिमर साईं भगवान

ज्यों भूखा सिमरे सदा
भोजन और पकवान
सुरत लगा कर ऐसे ही
सिमरों साईं नाम

पाने को जल बूँद ज्यों
चातक सिमरे मेघ
ऐसे मन में राखिए
साईं नाम का वेग

दूर देश के पुत्र को
जैसे ध्याती माता
मनसा, वाचा, कर्मणा
सिमरो साईं विधाता

चलता चल संसार में
पकड नाम की डोर
लक्ष्य बना ले एक ही
शुभ चरणों की ठौर

~ Sai Sewika

जय साईं राम

Tuesday, January 5, 2010

ये आंसू

ओम साईं राम

मेरे बाबा को बहुत ही
भाते हैं ये आंसू
जब याद उनकी आती है
संग आते हैं ये आंसू

सच्चे प्रेम के साक्षी हैं
साथी हैं ये आंसू
विरह नहीं सह पाते हैं
जज़्बाती हैं ये आंसू

होंठ जब खामोश रहें
सब कह जाते हैं ये आंसू
जब ज़ोर कहीं नहीं चलता तो
बह जाते हैं ये आंसू

बाबा को याद करके
आते हैं जब आंसू
आंसू नहीं रहते
फूल बन जाते हैं आंसू

हाले दिल साईं को
सुनाते हैं आंसू
भक्ती की ऊंची सीढी पर
चढ जाते हैं आंसू

बाबा की नज़रों से ना
बच पाते हैं आंसू
डोर बनके उनको पास
ले आते हैं आंसू

दरिया से भी गहरे और
खारे हैं ये आंसू
इसीलिये तो बाबा को
प्यारे हैं ये आंसू

~Sai Sewika

जय साईं राम

Sunday, January 3, 2010

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ साईं राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

दीन बंधू कृपा सिन्धु ,
दया बिंदु दो प्रभु ,
उस कृपा की बिंदु से ,
फिर बुद्धि ऐसी दो प्रभु ,
जिस तरफ देखूं उधर ही ,
दर्श हो श्री साईं का ,
आँख भी मुन्दु तो दीखे ,
मुख कमल श्री साईं का ,
आप से मैं आ मिलूं ,
बाबा मुझे यह वरदान दो ,
मिलती तरंग समुद्र में ,
ऐसे मुझे भी स्थान दो ,
दीन बंधू कृपा सिन्धु ,
दया बिंदु दो प्रभु ~~~

जय साईं राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

तम्मना, इच्छा, चाह, आरज़ू, ख्वाईश या जुस्तजू,
न जाने कितने नाम धराए तू,
क्या तेरा कोई अंत नहीं,जितने नाम उससे भी बङी तू,
क्या कभी पूरी होती तू,
तेरा एक कहां पूरा हो,दूसरी तैयार करती तूं,
पहले से आखिर सांस तक,हर पल साथ है रहती तूं,
कोई न जीत पाया तुझे,तेरे आगे सब झुके,
इंसा तो क्या भगवान के बस में भी नहीं तूं!!!

साईं इस नादान मन का आप ही कुछ कीजिए
बंद हो ये सिलसिला कोई ऐसा ही वर दीजिए!!!

जय सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ साईं राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

मेरा साईं है हम सब का सहारा,
साईं का यह एहसास बङा ही प्यारा!!!

जब से साथ मिला साईं का~~~ flower

गीत न भावे,कोई राग न भावे मोहे,
केवल साईं को सुनने की चाह~~
आँखे न मेरी चाहे कोई रंगीनियाँ देखना,
सिर्फ साईं को देखने की चाह~~
किसी के संग चलना ना चाहू मैं,
सिर्फ साईं के संग अब चलने की चाह~~
किसी से बात करना न चाहू मैं,
सिर्फ साईं संग बात करने की चाह~~
किसी संग हंसना न रोना चाहू मैं,
सिर्फ साईं संग हंसने-रोने की चाह~~

बस, अब कुछ और नहीं चाह,
बस, अब तो सिर्फ साईं संग हाथ पकङ कर चलने की चाह~~
साईं को खुद में समां लेने की चाह~~
साईं की भक्ति में डूब जाने की चाह~~~

साईं~~~~~ flower

जय साईं राम!!!

साईं भक्तों का नव सँकल्प

ॐ साईं राम

साईं भक्तों का नव सँकल्प

साईं के दरबार में
शुभ आगमन नव वर्ष का
भक्त जनों के सन्मुख आए
समय सदैव हर्ष का

हरेक मानव के हृदय में
साईं नाम व्याप हो
सत्कार्य की वृत्ति हो
मुख में साईं जाप हो

हर्ष हो उल्लास हो
साईं मिलन की आस हो
श्रद्धा का दामन ना छूटे
मन में दृढ विश्वास हो

कोई भूखा सोए ना
दुखी ना हो कोई आत्मा
साईं भक्त हर जन में देखें
अँश इक परमात्मा

रोग ना हो, शोक ना हो
तन मन सभी के स्वस्थ हों
कार्य शील बनें सभी
साईं कारज में व्यस्त हों

साईं ने कहा है जैसा
प्रेम करें हर प्राणी से
साईं की आज्ञा को मानें
मन, कर्म और वाणी से

साईं की महिमा कहें
साईं की लीला सुने
साईं सच्चरित्र के सभी
साईं वचनों को गुनें

जो दिया है साईं ने
खुशी उसी में मान लें
साईं की रज़ा में ही हम
रज़ा अपनी जान लें

मन में चिर सँतोष हो
खुश रहें हर हाल में
धन्यवाद आओ करें
साईं का नए साल में

नूतन वर्ष पर करें
नव सँकल्प धारण सभी
नहीं करेंगे साईं से
गिले और शिकवे कभी

साईं की शिक्षाओं को
हृदय में हम धार लें
नया चढा जो साल उसे
साईं पर ही वार दें

~Sai Sewika

जय साईं राम

नव वर्ष की शुभकामना

ॐ साईं राम

नव वर्ष की शुभकामना

नव वर्ष की प्रथम बधाई
तुम्हें हो साईं नाथ
द्वितीय मेरे मात पिता को
जिनका आशिष साथ

फिर बाबा के भक्त जनों को
नव वर्ष की बधाई
सब भक्तों के अंग संग सोहे
साईं सर्व सहाई

अति सुखद हो मंगलमय हो
नया चढा जो साल
संतति विहीनों के आंगन में
खेले बाल गोपाल

कोई भी दुखिया ना होवे
ना होवे लाचार
आधि व्याधि दूर हटाएं
साईं सर्वाधार

पूरण हों सबकी आशाएं
खुशियां हो बेअंत
शुभ कर्मों की वृद्धि हो
पापों का होवे अंत

श्रद्धा और सबूरी का
मनों में हो प्रकाश
भक्ती भाव भरपूर रहे
और पूरा हो विश्वास

दुनिया के सब मुल्कों में
शांति हो समृद्धि हो
आतंकवाद का नाश हो
भाईचारे की वृद्धि हो

हाथ जोड कर तुमसे विनती
करते हम सरकार
हर प्राणी के हृदय में
भर दो करुणा प्यार

~Sai Sewika

जय साईं राम

साईं तेरी प्यारी आँखें

ॐ साईं राम

साईं तेरी प्यारी आँखें

साईं तेरी प्यारी आँखें
सब दुनिया से न्यारी आँखें

झील से भी गहरी आँखें
भक्त जनों की प्रहरी आँखें

करूणा रस छलकाती आँखें
प्रेम गंग बरसाती आँखें

ममता भरी भरी सी आँखें
सुन्दर और चमकीली आँखें

दुख से बोझिल होती आँखें
भक्तों के सँग रोती आँखें

प्रेम पगी मुस्काती आँखें
अँदर तक धँस जाती आँखें

चुप रह कर भी बोलें आँखें
अमृत रस सा घोलें आँखें

देखें सबको हर पल आँखें
गँगा जल सी निर्मल आँखें

~Sai Sewika


जय साईं राम

शुक्रिया साईं नाथ

ॐ साईं राम


शुक्रिया साईं नाथ


शुक्रिया साईं नाथ तेरा
करूँ मैं बारम्बार
नाम सुनाम भेंट दिया
करने को उद्धार

बुद्धिहीन मैं अति मलिन
तुम सच्ची सरकार
लेकर अपनी शरण में
ढाँपे सभी विकार

मन मेरा था कीच भरा
कमल तुम्हारा नाम
खिला जो चँचल चित्त में
सजा तुम्हारा धाम

जीवन के पथरीले पथ पर
थामी मेरी बाँह
जब जब भूली रास्ता
करी प्रकाशित राह

दिया सहारा भक्ति का
डोलूँ ना चहुँ ओर
डगमग जब विश्वास हुआ तो
खींची मेरी डोर

कभी परखने मन मेरा
फेंका माया जाल
चेतन करके फिर मुझे
खुद ही लिया निकाल

भक्तों की सत्सँगत का
चखवाया सुस्वाद
तेरा लीला गान सुना तो
छूटे सभी विषाद

धन्य धन्य मैं हो गई
पा कर तुम सा नाथ
मुझ सम अधमा को प्रभु
जोडा अपने साथ

धन्यवाद कैसे करूँ
अनगिन तव उपकार
सीमित मेरी लेखनी
लघुतम मैं लाचार

भाव भरा इक नमन ही
दे सकती जगदीश
श्रद्धामय वँदन मेरा
स्वीकारो हे ईश

~SaiSewika

जय साईं राम
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