कुछ हटकर, अलग से ख्याल~~~
ॐ साईं राम!!!
आज बड़े दुखी मन से की फरियाद साईं से,
इतना दुःख दिया मुझे , साईं ये क्या किया??
कुल मिला करा यूँ कहे , थो मैंने खूब गिला दिया...
साईं तो कुछ न बोले बस रहे चुप,
पर मेरा अंतरमन बोल पडा,
इतना सुख भोगा तुने क्या तब भी गिला दिया??
कि इतना सुखा क्यों दिया मुझे , साईं ये आपने क्या किया??
तब तो खूब मज़ा लिया , खुशियाँ पाई , आनन्द लिया....
मन तो फिर भी शुक्र किया पर गिला तो कभी न दिया~~~
सुख दुःख दोनों उसी की संताने,
हे मन, उन्हें प्यार कर गले लगा~~~~
जय साईं राम!!!