Monday, October 31, 2011

ॐ सांई राम!!!

ये ठोकरे बहुत कुछ सिखा देती है~~~बाबा के ओर करीब ला देती है~~~ इनका हर पल शुक्रिया~~~

मुझको राह दिखाने वाली ओ प्यारी ठोकरो~
मुझे सांई से मिलाने वाली ओ प्यारी ठोकरो~
सोई को जगाने वाली ओ प्यारी ठोकरो~
असलियत बताने वाले ओ प्यारी ठोकरो~
दुनिया का रूप दिखाने वाले ओ प्यारी ठोकरो~
मुझे पक्का करने वाली ओ प्यारी ठोकरो~
धन्यवाद तुम्हारा है ओ प्यारी ठोकरो~
तुम न होती तो मैं कैसे पाती ये राह,
मुझ अंधी की कौन पकङता बाँह,
सब से दूर करके तुमने,
मुझे मेरे सांई के पास किया,
ओ प्यारी ठोकरो तुम्हारा,
हर पल शुक्रिया~~~

जय सांई राम!!!
ॐ साईं राम!!!

अपने साईं नूं कोई समझ न पाया~
लीला उस दी अपरम्पार~
फूल वी उगाए ते कंडे वी लगाए~
पतझड़, सावन, सर्दी, गर्मी , नाल बनाई बसंत-बहार~
सुख-दुख है सब उस ने बनाए~
कारन-करावन वाला ओ आप~
मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो~
नफरत छड दो ,करो सब न नूं रज रज प्यार~
साईं दी कहानियाँ नूं पड़ के समझो~समझ समझ के हो जाओ तैयार ~
हुन प्रेम -प्यार नूं मन विच वसाओ~
गुस्सा -नफरत , लालच- लोभ, अंदरों कड के मारों बाहर~~

जय साईं राम!!!
ॐ सांई राम!!!

फूल भरे है दामन दामन~
लेकिन वीरान गुलशन गुलशन~
अक्ल की बातें करने वाले~
क्या समझेगे दिल की धड़कन~
कौन किसी के दुःख का साथी~
आपने आसू अपना दामन~
सांई,तेरा दामन छोडू कैसे~
मेरी दुनिया तो बस तेरा दामन~~~


जय सांई राम!!!
ॐ साईं राम!!!

मैनें तन्हाई में जब भी तुझे पुकारा है मेरे साईं~
मुझे हर पल धीरे से यही आवाज़ आई~
मेरी बेटी ~
मैं तेरा हूँ ...मैं तेरा हूँ~~~

मैं तेरे अंग संग सहाई हूँ , तूं देख , झाँक अपने भीतर, खोल अपने नेत.....
देख मैं तेरा हूँ ...मैं तेरा हूँ~~~

ओ मेरे बाबा ओ मेरे साईं.............

जय साईं राम!!!
ॐ सांई राम!!!

वही सूरत वही मूरत ~
क्या रूप सलौना मेरे साईं का~
हर बार वही गजब~
हर बार मेरे दिल में ~
तुझे देखने के बाद वही तड़प ~
कितना सुन्दर रूप है तेरा~
भोली सी सूरत~
चौड़ा सा माथा~
लंबी सी अंगुलियाँ प्यारे हाथ~
इन हाथों में कैसी बरकत ~
जिस सिर पर आ जाए एक बार~

भर जाता उस का भंडार ~
धन का भडारं तो सब भर देते~
ये भरते मन का भंडार ~
इन हाथों का अजब करिश्मा ~
मैं जो महसूस करती हर बार ~
जब ये मुझको छू जाते ~
आँखों में भर जाता नीर ~
रूह तक काँप उठती मेरी ~
बस में नहीं रहता मेरा शरीर ~
यूँ लगता सब कुछ मिल गया ~
मिट जाती मन की हर पीर ~~~

जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम!!!

बढता जाता है कुछ अजीब सा एहसास,
नहीं कोई भी मेरे साथ,
बस एक तेरी दिल को आस,
मेरे सांई मेरे बाबा~~कहां हो तुम~~

छुटता जाता है कुछ रिश्तों का साथ,
नहीं बढ़ाता कोई अपना हाथ,
बस एक तेरी ही नज़र की प्यास,
मेरे सांई मेरे बाबा~~कहां हो तुम~~

दिखाई देती है हर खुशी भी उदास,
रूकी-रूकी सी आती है हर सांस~
बस एक तेरी ही है तलाश,
मेरे सांई मेरे बाबा~~कहां हो तुम~~

जय सांई राम!!!
ॐ साईं राम!!!

ये सच है कि तूने मुझे चाहा भी बहुत हैं~
लेकिन ये भी सच है कि तूने मुझे रुलाया भी बहुत हैं~
भले ही बांटता फिरे लोगों में तूं उजाले~
लेकिन तेरे दामन में अन्धेरा भी बहुत हैं~

जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!

किसको रोता है उम्र भर कोइ ,
आदमी जल्द ही भूल जाता है!!!



जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!


तेरी कायनात में ए मेरे साईं~
मेरा दिल कहीं लगा नहीं~
जो तसल्लियाँ मेरे दिल को दे~
मुझे ऐसा कोई भी मिला नहीं~
भीड़ बहुत देखी मैंने~
कोई अपना सा मुझे लगा नहीं~
गले सब को मिलते देखा~
आँखों में प्यार देखा नहीं~
उदासियां- गिले सब के देखे~
पर शुक्र कहीं भी देखा नहीं~
प्यार जो पाना चाहा मैंने~
उस प्यार का इक पल भी पाया नहीं~~

जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!

खुदा { बाबा } को भूल कर ,
खुद ही को मना रहे है ,
खुद के रूप को देख देख कर ,
कितना मान उठा रहे है !!!


भूल गया शायद तूं ,
कि ये रूप है ना जो तेरा ,
वो हर पल घिसता जा रहा है,
जिस पर इतना मान है तुझे ,
वो हर पल मिटता जा रहा है ,
पीछे मुड कर देख ज़रा काल तेरे पीछे आ रहा है ,
उसकी नजर से नहीं बचता कोई,
तूं काहे नज़ारे चुरा रहा है !!
इस दुनिया के रैन बसेरे में ,
इक आया तो इक जा रहा है ,
मना सके तो मना अपने मन को ,
रोक सके तो रोक ले इसको ,
व्यर्थ ही समाया गँवा रहा है ,
बेकार की बातों में ये हीरा जन्म गवां रहा है !!!

जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!



भली बुरी हूँ तेरी मेरे साईं~
जैसी भी हूँ तेरी साईं~
मेरे बाबा भली बुरी हूँ तेरी ~
गले से लगा या ठुकरा ~
पर
जैसी भी हूँ तेरी बाबा जैसी भी हूँ तेरी~~~

मेरी गलतियों को माफ करो~अपने पास बुला लो बाबा ~
अब तो हिये से लगा लो साईं~~चरणों का दास बना लो बाबा~~

जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!

तड़प है कहीं कसर कोई नहीं है~
पर वहां असर कोई नहीं है~
दस्तक हुई ए दिल- देख वो आए शायद~
पगले,
तेरा वहम है यहाँ कोई नहीं है~~

जय साईं राम!!!
ॐ सांई राम~~~

तेरे चाहने से कुछ नहीं होता~
होगा वही जो किस्मत में लिखा होगा~
रो रो कर गिङगिङा कर देख ले~
फिर भी होगा वही जो होना होगा~
तू कर समझौता और मुस्कुरा कर के देख~
फिर दुखों का दर्द कुछ कम होगा~
खुशी-गम चाहे हो सुख-दुःख~
सब उसी की इच्छा से होगा~
जीवन बिता पर ये याद रख~
उसकी इच्छा में कभी तेरा बुरा ना होगा~
दुःख-सुख जो भी मिले तुझे~
इसमे जरूर कुछ भला ही होगा~~~


जय सांई राम~~~
ॐ साईं राम!!!

झूठी दुनिया झूठे लोग , झूठे नाते दिल के रोग~
जो बच सके तो बच जा , इन जंजालो से कट जा~
कर शुक्र जो कोई अपना मिले , हाले दिल जो कोई हर पल सुने~
होगी खुशकिस्मती जो,सच्चा साथी कोई तुझे मिले~
हाथ थामे हर पल जो तेरे साथ जो चले~~~

जय सांई राम!!!
ॐ साईं राम!!!


मैं अगर देखूँ तो देखूँ~
तू न मुझको देखना~~
तुमने गर देखा तो फिर~
...मशहूर हो जाऊंगी मैं~~~

मैं अगर चाहूँ तो चाहूँ~
तू न मुझको चाहना~~
तुमने गर चाहा मुझे~
तो मगरूर हो जाऊं गी मैं~~~

सांई~~~~बस चाहूँ तेरी रहम नज़र~~~~


जय सांई राम!!!
ॐ साईं राम!!!

हम खुदा से क्यूँ डरे~
फिक्र उसका क्यूँ करे~
क्या उसने हमारा बिगाड़ा है~
अरे दूध सी धुली धुली~
फूल सी खिली खिली ~
प्यार में घुली घुली~
बस, ज़िंदगी पसंद है~
ज़िंदगी दी है उसने~
शुक्र है लाख उसका~
पर डरने या मरने की~
फिर है जरूरत क्या ~
अरे उस खुदा का खौफ क्या~
नहीं देता वो यूँ ही किसी को सज़ा~
वो तो प्यार का भूखा है~
बस...
नहीं रहता वहाँ जहाँ मन रुखा है~~

जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम!!!

ओ मेरे बाबा ओ मेरे साईं ~
मुझे बस इतना बता दो?
कैसे भुला देते है तेरे ही बन्दे तेरी इस खुदाई को.....
और मुझे देख मेरे बाबा
कितनी पगली हूँ मैं जो मुझसे तेरा बनाया हुआ एक इंसान नहीं भुलाया जाता~~~

मेरे साईं कर कृपा..............................

जय साईं राम!!!
ॐ सांई राम~~~

उफ् ये पढ़ाई !!!

उफ् ये पढ़ाई,किसने बनाई,
कहाँ से ये जन्मी,कहाँ से आई ??
पापा कहते पढ़ो केमेस्ट्री,
याद करो इक्वेशन ।
मम्मी कहती पढ़्प् हिस्ट्री,
रटो सिविलाईज़ेशन ।
भैया कहते पढ़ो मैथ्स,
सीखो कैलक्युलेशन ।
आ रहे है एग्ज़ामिनेशन,
खत्म हो इम्तिहान का मौसम,
और करूं सैलिब्रेशन ।

बाबा तुम हमको शक्ति देना,
डर को मन से तुम हर लेना,
हमारी मेहनत सफल कर देना,
को पास ज़रूर कर देना~~~

~Tana

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

पढ़ाई~~~

पढ़ाई पढ़ाई पढ़ाई।
हाय! यह कैसी बला जो
हमारी समझ में न आयी।
तब हमारे माता पिता ने ही
इसकी महत्ता बताई
वे कहते है
अगर तुम न करोगे पढ़ाई,
तो तुम नहीं कर सकोगे कमाई,
पढ़ाई ही तुम्हारा मान है,
इसने बढ़ाई कई लोगों की शान है।
पढ़ाई के बिना नहीं चलते कारखाने,
इसके बिना नहीं हो सकते बङे-बङे कारनामे।
पढ़ाई के बिना तुम्हारा जीवन है अधूरा,
इसलिए तुम्हें उस उद्देश्य को करना है पूरा~~~

~Tana


जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम!!!

बच्चे कुछ बर्बाद करेंगे~~~

बच्चे कुछ बर्बाद करेंगे,
फिर उसको आबाद करेंगे।
भागेंगे तितली के पीछे,
चिङिया से संवाद करेंगे।
उअनको पाकर चहक उठेंगे,
जो उअनको आज़ाद करेंगे।
पत्थर से वे टकराएंगे,
खूलों से फरियाद करेंगे।
सपनों में जो साथ रहेंगा,
उनको हरदम याद करेंगे~~~

~Tana
जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम!!!

टीचर बनी बिल्ली मौसी~~~

टीचर बनी गई बिल्ली मौसी
खींचे कान हो बात ज़रा सी,
कॉपी ले कर मोर आया
बगोला भी नया बस्ता लाया,
बिल्ली मौसी लगी पढ़ाने
ढ़ग से पढ़ना कोई ना जाने,
बिल्ली मौसी है परेशान
कैसे पकङू इनके कान?
चूहे की तो शामत आई
जमकर कान की हुई खिंचाई,
बिल्ली मौसी कान ना पकङो
बात बात पर यूँ ना बिगङो~~~

जय सांई राम!!!
A poem on " MY MOTHER



WHO WAS SHE ???
WHO GAVE ME THE GIFT OF BIRTH???
WHO WAS SHE ???
WHO MADE ME LEARN TO SPEAK???
WHO WAS SHE ???
WHO MADE ME LEARN TO WALK???
WHO WAS SHE ???
WHO TOLD ME DIFFERENCE BETWEEN RIGHT & WRONG???
WHO WAS SHE ???
WHO WAS THERE WITH ME WITH MY RIGHT DECESSIONS???
WHO IS SHE ???
WHO MADE FOOD FOR ME???
WHO WAS SHE ???
WHO MADE ME STAND IN WHOLE WORLD???
WHO WAS SHE ???
WHO SCOLDED ME FOR MY BENEFITS???
WHO IS SHE ???
WHO WAS THE FIRST AND LAST LIGHT OF HOPE???

MY DEAR FRIENDS SHE IS NON OTHER THAN....
"MY MOTHER"


My mother is surely the best mother and I can say this because she knows me very well and she knows to make balance between all the things............LOVE U MAA....


~RAJ{My son}
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

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