Monday, October 20, 2008





ॐ साईं राम~~~

जैसे बच्चा अपने टूटे खिलौने लाता है,
आँखो में आँसू लिए,माता-पिता के पास!
वैसे ही हम अपने टूटे सपने लाते है बाबा के पास,
क्योंकि साईं, मेरे करूणामयी साईं पूरी करते है सब की आस!!

फिर शांति से उन्हें काम करने देने की बजाय हम बार-बार उन्हें टोकते है,
अपने ढ़ग से उन्हें मदद की गुहार लगाते है,
ऐसा होता तो अच्छा रहता,
ये हो जाता तो और अच्छा हो जाता,वो नहीं किया....
ऐसा कर दो न बाबा.....
जब फिर पूरे न होते सपने,फिर यूँ लगता अब बाबा न रहे अपने,
फिर लगाने लगते शिकायतों की फेरी,
दूसरों की व्यथा सुनते होऔर मेरी बारी क्यों इतनी देरी??

फिर मेरे साईं मेरे बाबा बोले कुछ यूँ रो कर--
"ओ मेरे प्यारे बच्चों ,मैं क्या करता?
मैं क्या कर सकता था?
तुमने कभी पूर्ण विश्वास किया ही नहीं,
तुमने कभी पूरी तरह छोङा ही नहीं मुझ पर ".....

जय साईं राम~~~
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

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