ॐ सांई राम~~~
रात मुझे इक सपना आया, सपने में कोई अपना आया,
मेरे तन का चाम हटा कर ,मुझको मेरा अंदर दिखलाया,
देख मुझे विश्वास ना आया, इतना कुछ मुझिमें समाया ,
इस साफ चमङी के नीचे, इतना कूङा करकट समाया,
जब यह कूङा साफ किया तो, एक नन्ही किरण ने मुझे चौंकाया,
इतनी सारी परतों के नीचे, ये कैसा चमत्कार था छाया,
मेरे अंदर सांई था बैठा, मुझे ही नज़र ना आया,
कहाँ कहाँ ढूंढा मैने, बस अपने ही अंदर ना झांका,
पश्ताप से भर गई मैं, मैने यूँ ही समय गवाया,
सारी जगह ढूंढा जिसे मैने, वो था मुझमें ही समाया~~~
जय सांई राम~~~
Thursday, October 30, 2008
ॐ साईं राम~~~
बाबा से बस हर पल दुआ~~~
हे साईं इक करिश्मा दिखा दे
सब के दिलों में प्यार बसा दे,
नफरत का नामों निशा मिटा दे!
कोई किसी का दिल न दुखाएं
कोई किसी को न सताएं
हर कोई किसी के काम आए
न कोई रोए न तिलमिलाए
सिर्फ प्यार ही प्यार दिखाए
आँखों में न आँसू आए
केवल चहरे खिलखिलाएं
हे साईं ऐसा करिश्मा दिखा दे
सदा के लिए न सही,बस इक दिन के लिए ही दिखा दे!!!
जय साईं राम~~~
बाबा से बस हर पल दुआ~~~
हे साईं इक करिश्मा दिखा दे
सब के दिलों में प्यार बसा दे,
नफरत का नामों निशा मिटा दे!
कोई किसी का दिल न दुखाएं
कोई किसी को न सताएं
हर कोई किसी के काम आए
न कोई रोए न तिलमिलाए
सिर्फ प्यार ही प्यार दिखाए
आँखों में न आँसू आए
केवल चहरे खिलखिलाएं
हे साईं ऐसा करिश्मा दिखा दे
सदा के लिए न सही,बस इक दिन के लिए ही दिखा दे!!!
जय साईं राम~~~
ॐ सांई राम~~~
सांई , जब मैं देखू आप के हाथ,
लंबी उगलियां प्यारे हाथ,
इन हाथों में कैसी बरकत ,
जब सिर पर आ जाए इक बार ,
भर जाता उस का भंडार ,
धन का भडारं तो सब भर देते,
ये भरते मन का भंडार ,
इन हाथों का अजब करिश्मा ,
मैं जो महसूस करती हर बार ,
जब ये मुझको छू जाते ,
आँखों में भर जाता नीर ,
रूह तक काँप उठती मेरी ,
बस में नहीं रहता मेरा शरीर ,
यूँ लगता सब कुछ मिल गया ,
मिट जाती मन की हर पीर ~~~
जय सांई राम~~~
सांई , जब मैं देखू आप के हाथ,
लंबी उगलियां प्यारे हाथ,
इन हाथों में कैसी बरकत ,
जब सिर पर आ जाए इक बार ,
भर जाता उस का भंडार ,
धन का भडारं तो सब भर देते,
ये भरते मन का भंडार ,
इन हाथों का अजब करिश्मा ,
मैं जो महसूस करती हर बार ,
जब ये मुझको छू जाते ,
आँखों में भर जाता नीर ,
रूह तक काँप उठती मेरी ,
बस में नहीं रहता मेरा शरीर ,
यूँ लगता सब कुछ मिल गया ,
मिट जाती मन की हर पीर ~~~
जय सांई राम~~~
Monday, October 27, 2008
ॐ साईं राम~~~
हाय वे रब्बा किनी दूर वे तेरे डेरे
पौङिया चढ़ चढ़ के मैं थक गई,
चौरासी लख पौङिया चढ़ के
हुन ते रब्बा में वी अक गई,
ए आखिरी पौङी मेरी ए
फिसलन भरी घनेरी ए
सामने तेरा डेरा ए,पर अगे घोर अंधेरा ए,
सामने आन नू दौङना चांवा
पर डिगन खनों डर जांवा
पौङिया चढ़ चढ़ औखी होई
आखिरी पौङी ते हिम्मत खोई,
हुन फङ लै हथ ते खिच लै उत्ते
कर कृपा हुन अपनी दासी ते,
देखी जे पैर फिसल गया मेरा
ते थल्ले जा पवांगी,फिर दुबारा कीवें आवांगी
कर कृपा अंधेरा हटा,अपने चरणा विच लगा!!!
जय सांई राम~~~
हाय वे रब्बा किनी दूर वे तेरे डेरे
पौङिया चढ़ चढ़ के मैं थक गई,
चौरासी लख पौङिया चढ़ के
हुन ते रब्बा में वी अक गई,
ए आखिरी पौङी मेरी ए
फिसलन भरी घनेरी ए
सामने तेरा डेरा ए,पर अगे घोर अंधेरा ए,
सामने आन नू दौङना चांवा
पर डिगन खनों डर जांवा
पौङिया चढ़ चढ़ औखी होई
आखिरी पौङी ते हिम्मत खोई,
हुन फङ लै हथ ते खिच लै उत्ते
कर कृपा हुन अपनी दासी ते,
देखी जे पैर फिसल गया मेरा
ते थल्ले जा पवांगी,फिर दुबारा कीवें आवांगी
कर कृपा अंधेरा हटा,अपने चरणा विच लगा!!!
जय सांई राम~~~
Tuesday, October 21, 2008
बात है ये एक चेहरे की,
एक चेहरा ऐसा जिसे मैं जानती हूँ।
एक चेहरा ऐसा जो,
बहुत सुंदर है।
एक चेहरा ऐसा जो,
रात में भी उजाला देता है।
एक चेहरा ऐसा जो,
जो मेरी प्रेरणा है।
ज़िंदगी की राहों में जो मुझे रास्ता देता है।
एक चेहरा ऐसा जो,
मुझे जानता है,
मेरे न बोलने पर मेरे भाव पहचानता है।
एक चेहरा ऐसा जो,
मुझे रोशनी देता है।
मेरी ज़िंदगी की राहों में,
उजाला भर देता है।
एक चेहरा ऐसा जो,
जो मेरे दुःख बांटता है।
मेरी ज़िंदगी के सुख-दुःख को
खूब पहनाता है।
एक चेहरा है ऐसा,
जिससे मुझे प्यार है।
दुनिया से अलग
मेरा और उसका संसार है।
एक चेहरा ऐसा,
जो मेरी पहचान है,
मैं खुश नसीब हूँ
क्योंकि चेहरे पे मुझे मान है।
क्योंकि ये चेहरा
और किसी का नहीं
अपने बाबा का है~~~
जय सांई राम~~~
Monday, October 20, 2008
ॐ साईं राम~~~
जैसे बच्चा अपने टूटे खिलौने लाता है,
आँखो में आँसू लिए,माता-पिता के पास!
वैसे ही हम अपने टूटे सपने लाते है बाबा के पास,
क्योंकि साईं, मेरे करूणामयी साईं पूरी करते है सब की आस!!
फिर शांति से उन्हें काम करने देने की बजाय हम बार-बार उन्हें टोकते है,
अपने ढ़ग से उन्हें मदद की गुहार लगाते है,
ऐसा होता तो अच्छा रहता,
ये हो जाता तो और अच्छा हो जाता,वो नहीं किया....
ऐसा कर दो न बाबा.....
जब फिर पूरे न होते सपने,फिर यूँ लगता अब बाबा न रहे अपने,
फिर लगाने लगते शिकायतों की फेरी,
दूसरों की व्यथा सुनते होऔर मेरी बारी क्यों इतनी देरी??
फिर मेरे साईं मेरे बाबा बोले कुछ यूँ रो कर--
"ओ मेरे प्यारे बच्चों ,मैं क्या करता?
मैं क्या कर सकता था?
तुमने कभी पूर्ण विश्वास किया ही नहीं,
तुमने कभी पूरी तरह छोङा ही नहीं मुझ पर ".....
जय साईं राम~~~
ॐ सांई राम~~~
सांई दर आप का बरकतों का भण्डार है,
तुझे तो सांई सभी से प्यार है,
तेरी बेटी प्यासी है तेरे इस प्यार की,
तेरे दुलार की,तेरे दीदार की,
इस दर से कोई गया न निराश है,
मेरे दिल में भी इक आस है,
कैसी भी हूँ सांई मुझे अपनाओंगे तुम,
मुझे हिए से लगाओगे तुम,
ये दिल में आज ठाना है मैने,
तुझे देखे बिना नहीं जाना है मैने,
झोली भर के ही जाऊंगी
मैं,जिद्द ये मेरी है तुम्हे आना पङेगा,
मुझे हिए से लगाना पङेगा,
पापी हूँ,पतित हूँ ,
कुटिल हूँ चाहे,पर बेटी हूँ तेरी ये मानना पङेगा,
पुकार ये आज तुझे सुननी पङेगी,
नहीं तो बेटी तुझसे लङ पङेगी,
तूं मान या न मान,तुझे प्यार है मुझसे,
मैने जो पुकारा तुझे आना पङेगा,
आकर मुझे हिए से लगाना ही पङेगा~~~
जय सांई राम~~~
Sunday, October 19, 2008
ॐ सांई राम~~~
मेरे सांई सर्वाधार , मेरे जीवन के तुम सार,
दो अक्षर का नाम तुम्हारा ,सब से सुन्दर सब से प्यार,
कहने को तो दो अक्षर है "सांई "
पर सारी स्रष्टी का सार समाया है ,
हर पल जो भी हो रहा सभी श्रा सांई की माया है!
सुख दुख दोनों इनके बस में,
इनका अन्त कही नहीं पाया है!
मुझे भी अपनाओं सांई जी ,
मुझे भी दासी बनाओं सांई जी ,
इक बार इक झलक दिखाओं सांई जी ,
दासी को पार लगाओं सांई जी!!!
जय सांई राम~~~
ॐ साईं राम~~~
बाबा पर छोड़ कर तो देख,बाबा न सुने तो कहना~~
साईं को मन से बुला कर तो देख,दौड़े चले न आये तो कहना~~
साईं को हिए से लगा कर तो देख,साईं हिए से न लगाऎं तो कहना~~
साईं को अपनी बात बता कर तो देख,वो पूरी न करे तो कहना~~
साईं नाम की मन में अलख जगा कर तो देख,वो मन में न बस जाए तो कहना~~
साईं की तरफ एक कदम बढ़ा कर तो देख,वो दस कदम न बढ़ाए तो कहना~~
साईं के चरणों में नत-मस्तक हो कर तो देख,वो सिर पर हाथ न रखें तो कहना~~
साईं के आगे झोली फैला कर देख,वो झोली खुशियों से न भर दे तो कहना~~
मन को साफ,पवित्र, उजला बना कर तो देख,तेरा बोला सच न हो जाए तो कहना~~
जय साईं राम~~~
Friday, October 17, 2008
ॐ सांई राम~~~
हे सांई क्या कभी ऐसा होगा ??
सिर्फ़ आप हो और मैं होऊं...
आप सामने हो मैं कुछ ना कहूं...
बस जी भर कर दर्शन करूं...
कुछ कहूं ना और सब कह जाऊं...
सारी बातें दिल की मैं आंसूओं मैं कह जाऊं...
मन का हाल सुना डालूं , कुछ भी ना छुपाऊं...
कोई ना रोके मुझको , मैं जी भर कर आंसू बहाऊं...
देख कर इन आंसूओं को , जब आप मुझे समझाएं ,
आप की उस प्यार के अम्रत में , मैं जी भर डुबकी लगाऊं...
मैं जो ऐसा हो तो उस पल पर , मैं अपना सब कुछ वार जाऊं...
पर वारूं भी क्या , सब कुछ तो है उधार ...
ये तन उधार , ये मन उधार...यदि है कुछ मेरा अपना ,
तेरे लिए बस मेरा प्यार~~~मेरा प्यार~~~मेरा प्यार~~~
जय सांई राम~~~
हे सांई क्या कभी ऐसा होगा ??
सिर्फ़ आप हो और मैं होऊं...
आप सामने हो मैं कुछ ना कहूं...
बस जी भर कर दर्शन करूं...
कुछ कहूं ना और सब कह जाऊं...
सारी बातें दिल की मैं आंसूओं मैं कह जाऊं...
मन का हाल सुना डालूं , कुछ भी ना छुपाऊं...
कोई ना रोके मुझको , मैं जी भर कर आंसू बहाऊं...
देख कर इन आंसूओं को , जब आप मुझे समझाएं ,
आप की उस प्यार के अम्रत में , मैं जी भर डुबकी लगाऊं...
मैं जो ऐसा हो तो उस पल पर , मैं अपना सब कुछ वार जाऊं...
पर वारूं भी क्या , सब कुछ तो है उधार ...
ये तन उधार , ये मन उधार...यदि है कुछ मेरा अपना ,
तेरे लिए बस मेरा प्यार~~~मेरा प्यार~~~मेरा प्यार~~~
जय सांई राम~~~
Saturday, October 11, 2008
~~~ॐ सांई राम~~~
सिर्फ़ तुम...मेरे बाबा~~~
मेरी सोच की उङान है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी नज़र की हद है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी सेहर है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी बरसात है जहां तक,
घाट तुम ही तुम हो,
मेरी ख्वाबों का महल है जहां तक,
हर कदम पे तुम ही तुम हो,
मेरी दिल की वादी है जहां तक,
हर चेहरा तुम ही तुम हो,
मेरे चेहरे पे मुस्कराहट है जब तक,
मुस्कराहट तुम ही तुम हो,
मेरी आंखों की शरारत है जब तक,
वो शरारत तुम ही तुम हो,
मेरे प्यार की सेहर है जहां तक ,
उस् सेहर में तुम ही तुम हो,
मेरे प्यार का जादू है जहां तक,
वहां तुम ही तुम हो,
मेरी आरज़ू बिखरी है जहां तक,
वो उम्मीद तुम ही तुम हो,
मुझे सहारा है जहां तक,
वो साहेबान् तुम ही तुम हो,
मेरे दिल की खुशियाँ है जहां तक,
वो सपने तुम ही तुम हो,
मेरी नज़र में चाँदनी है जहां तक,
वो रोशनी तुम ही तुम हो,
मेरी उम्मीद की किरने है जहां तक,
वो सब रोशनियाँ तुम ही तुम हो....
~~~जय सांई राम~~~
~~~ॐ सांई राम~~~
मैं दिशा तो विस्तार है आप,
मैं नाम तो पहचान है आप,
आप का हाथ पकङ कर सीखा है चलना,
सदा चाहा है आप की बताई राह पर चलना,
सदा रखना हमारे सिर पर हाथ अपना क्योंकि,
मैं तो सिर्फ मिट्टी का ढेला,
कुम्हार है आप~~
मैं घटा तो बरसात है आप,
मैं नदी तो सागर है आप,
आपने बताया है दूसरों के लिए जीना,
आप के ही पदचिहनों पर चल कर मंज़िल को है पाया,
सदा रखना हमें अपनी छाया में क्योंकि,
मैं तो सिर्फ प्यासा पंक्षी,
अमृत का दरिया है आप~~~
मैं किरण तो सूर्य है आप,
मैं सीप तो मोती है आप,
आप ने सिखाया है गम में भी मुस्कराना,
आप ने सिखाया है दुनिया में काबिल बनना,
कभी न होना नाराज़ हमसे क्योंकि,
मैं तो सिर्फ छोटा-सा पौधा,
माली है आप~~~
~~~जय सांई राम~~~
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