ॐ सांई राम~~~
प्यार दिखाया नहीं जाता
महसूस कराया जाता है,
एहसास बताया नहीं जाता
उसे दिल में छिपाया जाता है,
तुम बाबा को कितना प्यार करो
ये खुद ही दिखाई देता है,
कहने की क्या जरूरत है
ये तो आँखों का नज़ारा होता है,
तुम बाबा से कितना प्यार करो
ये बताना नहीं पङता,
तुम खुद को कितना प्यार करो
वो इससे ही समझ आता है~~~
जय सांई राम~~~
Tuesday, April 28, 2009
Monday, April 27, 2009
Sunday, April 26, 2009
तेरा हक सांई~~~
ॐ सांई राम!!!
तेरा हक सांई~~~
सुख के आने की उम्मीद पे सांई,
दुःख क्यों द्वार खटखटाता है,
यह तो मेरे कर्म है सांई,
मेरा मन क्यों तुझ को दोष लगाता है!!
तूँ तो सब का सहारा है सांई,
हर कोई तुझ को प्यारा है सांई,
तूँ तो अपने बंदों में फर्क न करता,
मेरा मन क्यों मुझको भटकाता है सांई,
ये तो मेरे कर्म है सांई...........
तूँ तो दयावान है सांई,
तुझसे मिलता समाधान है सांई,
मैं यह जानूँ, देकर मुझको
दुःख तूँ आज़माता है!!!
तेरी कृपा सब पर होती सांई,
आँखें फिर क्यों दामन को भिगोती सांई,
तुझ को देकर दोष स्वयम् का,
मन ही मन वो पछताता है,
ये तो मेरे कर्म है सांई...........
मैं ना चाहूँ इतना सुख सांई,
जिसमे हो तुझे भुलाने का दुःख सांई,
कभी-कभी ही लेकिन फिर भी
मुझ पे तूँ अपना हक तो जमाता है,
ये तो मेरे कर्म है सांई...........
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
तेरा हक सांई~~~
सुख के आने की उम्मीद पे सांई,
दुःख क्यों द्वार खटखटाता है,
यह तो मेरे कर्म है सांई,
मेरा मन क्यों तुझ को दोष लगाता है!!
तूँ तो सब का सहारा है सांई,
हर कोई तुझ को प्यारा है सांई,
तूँ तो अपने बंदों में फर्क न करता,
मेरा मन क्यों मुझको भटकाता है सांई,
ये तो मेरे कर्म है सांई...........
तूँ तो दयावान है सांई,
तुझसे मिलता समाधान है सांई,
मैं यह जानूँ, देकर मुझको
दुःख तूँ आज़माता है!!!
तेरी कृपा सब पर होती सांई,
आँखें फिर क्यों दामन को भिगोती सांई,
तुझ को देकर दोष स्वयम् का,
मन ही मन वो पछताता है,
ये तो मेरे कर्म है सांई...........
मैं ना चाहूँ इतना सुख सांई,
जिसमे हो तुझे भुलाने का दुःख सांई,
कभी-कभी ही लेकिन फिर भी
मुझ पे तूँ अपना हक तो जमाता है,
ये तो मेरे कर्म है सांई...........
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
मैं ना जानूँ सांई~~~
ॐ सांई राम!!!
मैं ना जानूँ सांई~~~
मैं ना जानूँ पूजा,अर्चना सांई,
मैं ना जानूँ पोथी पढना सांई,
मैं ना जानूँ आरती प्रार्थना सांई,
मैं ना जानूँ कीर्तन करना सांई~
तुझसे बाते करती हूँ मैं मन की सांई,
राह देखती हूँ मैं तेरे मिलन की सांई,
बस मेरा तुझसे इतना ही है कहना सांई~
तूँ क्यों अपना सा लगता है सांई,
तेरे बिना सब जग सूना सा लगता है सांई,
देह बिना जैसे भटक रहे हो प्राण सांई~
तूँ क्यों अपना सा लगता है सांई,
तेरे बिना सब जग सूना सा लगता है सांई,
देह बिना जैसे भटक रहे हो प्राण सांई~
दूर हो मेरे भी अज्ञान का अंधेरा सांई,
दिखलाओं मुझे भी ज्ञान का सवेरा सांई,
ढाई अक्षर प्रेम का मुझे तुझ से ही है पाना मेरे सांई~
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
मैं ना जानूँ सांई~~~
मैं ना जानूँ पूजा,अर्चना सांई,
मैं ना जानूँ पोथी पढना सांई,
मैं ना जानूँ आरती प्रार्थना सांई,
मैं ना जानूँ कीर्तन करना सांई~
तुझसे बाते करती हूँ मैं मन की सांई,
राह देखती हूँ मैं तेरे मिलन की सांई,
बस मेरा तुझसे इतना ही है कहना सांई~
तूँ क्यों अपना सा लगता है सांई,
तेरे बिना सब जग सूना सा लगता है सांई,
देह बिना जैसे भटक रहे हो प्राण सांई~
तूँ क्यों अपना सा लगता है सांई,
तेरे बिना सब जग सूना सा लगता है सांई,
देह बिना जैसे भटक रहे हो प्राण सांई~
दूर हो मेरे भी अज्ञान का अंधेरा सांई,
दिखलाओं मुझे भी ज्ञान का सवेरा सांई,
ढाई अक्षर प्रेम का मुझे तुझ से ही है पाना मेरे सांई~
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
सांई आ जाओ इक बार~~~
ॐ सांई राम!!!
सांई आ जाओ इक बार~~~
हर घङी,हर पल,दिल से आते है ये पुकार,
आ जाओ इक बार,सांई आ जाओ इक बार~~~
याद मुझे हो सब तेरी बातें सांई,
चाहे दिल पर हो कितनी भी घाते सांई,
विश्वास न टूटे सांई चाहे रहूँ मझधार,
आ जाओ इक बार सांई..............
तेरे दिल में पाना मुझको इक छोटा सा कोना है,
तेरे चरण कमलों को मैने आँसुओं से धोना है,
अरज़ी मेरी अब तो सांई करो स्वीकार,
आ जाओ इक बार सांई..............
तुझ को पाना मेरे जीवन का लक्ष्य हो सांई,
पापी हूँ पा जाऊँ फिर भी धन अभय हा मैं सांए,
जानती हूँ न करोगे मेरा सांई तुम इंकार,
आ जाओ इक बार सांई ..............
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
सांई आ जाओ इक बार~~~
हर घङी,हर पल,दिल से आते है ये पुकार,
आ जाओ इक बार,सांई आ जाओ इक बार~~~
याद मुझे हो सब तेरी बातें सांई,
चाहे दिल पर हो कितनी भी घाते सांई,
विश्वास न टूटे सांई चाहे रहूँ मझधार,
आ जाओ इक बार सांई..............
तेरे दिल में पाना मुझको इक छोटा सा कोना है,
तेरे चरण कमलों को मैने आँसुओं से धोना है,
अरज़ी मेरी अब तो सांई करो स्वीकार,
आ जाओ इक बार सांई..............
तुझ को पाना मेरे जीवन का लक्ष्य हो सांई,
पापी हूँ पा जाऊँ फिर भी धन अभय हा मैं सांए,
जानती हूँ न करोगे मेरा सांई तुम इंकार,
आ जाओ इक बार सांई ..............
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
Thursday, April 23, 2009
सांई की दिवानी~~~
ॐ सांई राम!!!
सांई की दिवानी~~~
सांई सांई जपते जपते हो जाऊँ दिवानी,
अब तो यही तमन्ना है,जानूं इसी नाम से जानी~~
भूल जाऊँ मैं तेरा-मेरा भुलाऊँ अपना-पराया,
ना हो मेरा मोह किसी से झूठी समझूं काया,
हो जाऊँ सांई अब तो मैं इस जग से बैगानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
अपने ही रंग में रंग ले सांई उतरे न जीवन भर,
सुध-बुध खो कर तुझे ही देखूं मैं जाऊँ जिस अओर,
याद तुझे ही करते करते आँखों में भर आये पानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
क्या पाना था,क्या पाया अब ये समझ में आये,
सांई से बढकर अब कुछ भी नहीं है मन था मेरा भरमाया,
तोङा मेरा भ्रम यह सारा अब तो बदली कहानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
टूट जाए अब बंधन मेरे जुङ जाए सांई से नाता,
ऐस नाता जो,मेरा सांई जन्म-जन्म है निभाता,
ऐसा सुना है मैने अपने बङों की ही ज़ुबानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
सांई की दिवानी~~~
सांई सांई जपते जपते हो जाऊँ दिवानी,
अब तो यही तमन्ना है,जानूं इसी नाम से जानी~~
भूल जाऊँ मैं तेरा-मेरा भुलाऊँ अपना-पराया,
ना हो मेरा मोह किसी से झूठी समझूं काया,
हो जाऊँ सांई अब तो मैं इस जग से बैगानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
अपने ही रंग में रंग ले सांई उतरे न जीवन भर,
सुध-बुध खो कर तुझे ही देखूं मैं जाऊँ जिस अओर,
याद तुझे ही करते करते आँखों में भर आये पानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
क्या पाना था,क्या पाया अब ये समझ में आये,
सांई से बढकर अब कुछ भी नहीं है मन था मेरा भरमाया,
तोङा मेरा भ्रम यह सारा अब तो बदली कहानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
टूट जाए अब बंधन मेरे जुङ जाए सांई से नाता,
ऐस नाता जो,मेरा सांई जन्म-जन्म है निभाता,
ऐसा सुना है मैने अपने बङों की ही ज़ुबानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
मेरा हाथ पकङना सांई~~~
ॐ सांई राम!!!
मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब गिर के मुश्किल हो संभलना सांई,
मेरा हाथ पकङना सांई~
जब आँसू भूल जाए सूखना,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब टूट जाए मेरी सब आशा,
जब चारों और हो घोर निराशा,
जब सागर के पास हो कर भी,
मन हो मेरा प्यासा का प्यासा,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब कोई न हो मेरा अपना,
जब जग झुठा सपना,
जब उदासी भरा हो मन मेरा,
और भूल जाये वो हसनाँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब कोई अपना छूट जाये,
जब कोई सपना टूट जाये,
जब किसी से कोई आस न हो,
जब किसी पर विश्वास न हो,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब चारों और अंधेरा हो,
जब दिखता न कहीं सवेरा हो,
जब बोल न मैं कुछ पाऊँ,
और मन ही मन घबराऊँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब गिर के मुश्किल हो संभलना सांई,
मेरा हाथ पकङना सांई~
जब आँसू भूल जाए सूखना,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब टूट जाए मेरी सब आशा,
जब चारों और हो घोर निराशा,
जब सागर के पास हो कर भी,
मन हो मेरा प्यासा का प्यासा,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब कोई न हो मेरा अपना,
जब जग झुठा सपना,
जब उदासी भरा हो मन मेरा,
और भूल जाये वो हसनाँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब कोई अपना छूट जाये,
जब कोई सपना टूट जाये,
जब किसी से कोई आस न हो,
जब किसी पर विश्वास न हो,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब चारों और अंधेरा हो,
जब दिखता न कहीं सवेरा हो,
जब बोल न मैं कुछ पाऊँ,
और मन ही मन घबराऊँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
Wednesday, April 22, 2009
दिल में बस तूँ है सांई~~~
ॐ सांई राम!!!
दिल में बस तूँ है सांई~~~
जब से बस गया है तूँ इस दिल में सांई,
मेरी ज़िन्दगी में आ गया है रस सांई~
कितना भी आज़माना है आज़मा सांई,
मेरा तेरे सिवा कोई न दूसरा जहान सांई,
कभी तो तेरी भी आँखे जायेगी बरस सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
तेरी मौहब्ब्त में झूम के देखा सांई,
तेरी लगन में घूम के भी देखा सांई,
सभी जिसमें डूबने को तरसे सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
ऐसा छाया है मुझ पर तेरा सरूर सांई,
तुझ तक जाएगी मेरी पुकार भी जरूर सांई,
और कितने जायेगे बीत ऐसे ही बरस सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
तेरी दया का देखा न कोई पार सांई,
तेरा मुझ पे है बङा उपकार सांई,
मेरी ज़िन्दगी में अब तेरी ही तङप सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
दिल में बस तूँ है सांई~~~
जब से बस गया है तूँ इस दिल में सांई,
मेरी ज़िन्दगी में आ गया है रस सांई~
कितना भी आज़माना है आज़मा सांई,
मेरा तेरे सिवा कोई न दूसरा जहान सांई,
कभी तो तेरी भी आँखे जायेगी बरस सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
तेरी मौहब्ब्त में झूम के देखा सांई,
तेरी लगन में घूम के भी देखा सांई,
सभी जिसमें डूबने को तरसे सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
ऐसा छाया है मुझ पर तेरा सरूर सांई,
तुझ तक जाएगी मेरी पुकार भी जरूर सांई,
और कितने जायेगे बीत ऐसे ही बरस सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
तेरी दया का देखा न कोई पार सांई,
तेरा मुझ पे है बङा उपकार सांई,
मेरी ज़िन्दगी में अब तेरी ही तङप सांई,
मेरी ज़िन्दगी..............
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
तेरी आन तेरी शान~~~
ॐ सांई राम!!!
तेरी आन तेरी शान~~~
तेरी आन तेरी शान,
मेरे सांई पर कर दे सब कुछ कुर्बान!
तेरा प्यार तेरी प्रीत,
मेरे सांई से बङ कर कोई न सच्चा मीत!
तेरी शक्ति तेरी सरकार,
मेरे सांई की शक्ति है अपरमपार!
तेरा अंधेरा तेरा उजाला,
मेरा सांई सब का रखवाला!
तेरे फूल और तेरे कांटे,
मेरे सांई ने सब सोच के बाटे!
तेरा पैसा तेरा जहाँ,
मेरे सांई से बङकर कोई न धनवान!
तेरी आशा तेरी निराशा,
मेरे सांई का देखता जा तूँ तमाशा!
तेरी करनी तेरी भरनी,
मेरा सांई दिखा सकता है रोशनी!
तेरी झोली तेरा दामन,
मेरे सांई के दर से खाली न लौटा कोई जन!!!
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
तेरी आन तेरी शान~~~
तेरी आन तेरी शान,
मेरे सांई पर कर दे सब कुछ कुर्बान!
तेरा प्यार तेरी प्रीत,
मेरे सांई से बङ कर कोई न सच्चा मीत!
तेरी शक्ति तेरी सरकार,
मेरे सांई की शक्ति है अपरमपार!
तेरा अंधेरा तेरा उजाला,
मेरा सांई सब का रखवाला!
तेरे फूल और तेरे कांटे,
मेरे सांई ने सब सोच के बाटे!
तेरा पैसा तेरा जहाँ,
मेरे सांई से बङकर कोई न धनवान!
तेरी आशा तेरी निराशा,
मेरे सांई का देखता जा तूँ तमाशा!
तेरी करनी तेरी भरनी,
मेरा सांई दिखा सकता है रोशनी!
तेरी झोली तेरा दामन,
मेरे सांई के दर से खाली न लौटा कोई जन!!!
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
Monday, April 20, 2009
ज़रूरी तो नहीं सांई~~~
ॐ सांई राम!!!
ज़रूरी तो नहीं सांई~~~
तुझ से मिलने के लिये मेरे सांई,
तेरे दर पे आना ज़रूरी तो नहीं,
तूँ जानता है सब के दिल की मेरे सांई,
लफज़ों में तुझे बताना जरूरी तो नहीं !!
हिल नहीं सकता एक पत्ता भी तेरी
रज़ा के बगैर मेरे सांई,
अपने बंदो को मगर यह अहसास
दिलाना जरूरी तो नहीं !!
माना कि तेरे चाहने वाले बहुत
है इस दुनिया में मेरे सांई,
मगर हम को इस कदर आज़माना
तेरी मजबूरी तो नहीं!!
तूँ तो पास है मेरे सांई
बहुत पास है मेरे,
मगर तुझ को मैं छूँ ना पाऊँ
ऐसी भी दूरी तो नहीं!!
खुद ही आके मिल जा मेरे सांई
मुझे पास नहीं बुलाना है अगर,
ये तेरी मज़बूरी है मेरे सांई
मेरी कोई मज़बूरी तो नही!!!
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
ज़रूरी तो नहीं सांई~~~
तुझ से मिलने के लिये मेरे सांई,
तेरे दर पे आना ज़रूरी तो नहीं,
तूँ जानता है सब के दिल की मेरे सांई,
लफज़ों में तुझे बताना जरूरी तो नहीं !!
हिल नहीं सकता एक पत्ता भी तेरी
रज़ा के बगैर मेरे सांई,
अपने बंदो को मगर यह अहसास
दिलाना जरूरी तो नहीं !!
माना कि तेरे चाहने वाले बहुत
है इस दुनिया में मेरे सांई,
मगर हम को इस कदर आज़माना
तेरी मजबूरी तो नहीं!!
तूँ तो पास है मेरे सांई
बहुत पास है मेरे,
मगर तुझ को मैं छूँ ना पाऊँ
ऐसी भी दूरी तो नहीं!!
खुद ही आके मिल जा मेरे सांई
मुझे पास नहीं बुलाना है अगर,
ये तेरी मज़बूरी है मेरे सांई
मेरी कोई मज़बूरी तो नही!!!
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
हर नई सुबह~~~
ॐ सांई राम!!!
हर नई सुबह~~~
हर नई सुबह तेरे मेरे प्यार को ओर बङा दे सांई,
हर नई रात तेरे चेहरे को दिखा कर सुला दे सांई ।
दिन-ब-दिन तूँ मुझे ओर याद आता रहे सांई,
तूँ खव्वाबों में और ख्यालों में आता रहें सांई ।
तेरे चाहने वालों पर तेरी दया बरसती रहें सांई,
तेरा नाम ले ले कर ज़िन्दगी मेरी भी कटती रहे सांई ।
तुझे देखने की चाहत कभी कर न हो मेरे सांई,
तूँ जिसके साथ है उस को कोई गम न हो सांई।
तेरे मेरे प्यार के गीत ज़माना गाता रहें मेरे सांई,
काश! मुझ से ये रिश्ता तूँ ऐसे ही निभाता रहे सांई।
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
हर नई सुबह~~~
हर नई सुबह तेरे मेरे प्यार को ओर बङा दे सांई,
हर नई रात तेरे चेहरे को दिखा कर सुला दे सांई ।
दिन-ब-दिन तूँ मुझे ओर याद आता रहे सांई,
तूँ खव्वाबों में और ख्यालों में आता रहें सांई ।
तेरे चाहने वालों पर तेरी दया बरसती रहें सांई,
तेरा नाम ले ले कर ज़िन्दगी मेरी भी कटती रहे सांई ।
तुझे देखने की चाहत कभी कर न हो मेरे सांई,
तूँ जिसके साथ है उस को कोई गम न हो सांई।
तेरे मेरे प्यार के गीत ज़माना गाता रहें मेरे सांई,
काश! मुझ से ये रिश्ता तूँ ऐसे ही निभाता रहे सांई।
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
माना मेरे सांई!!!
ॐ सांई राम!!!
माना मेरे सांई!!!
इतना सुख मेरे सांई तुने दिया,
माना कि इन सुखों के काबिल नहीं हूँ मैं,
हर दुःख में तूने साथ न छोङा,
माना की तेरे साथ के काबिल नहीं हूँ मैं।
तेरी कृपा की छाया में बैठी रहूँ,
बस इतनी कृपा करना मेरे सांई,
इन चरणों में पङा रहने दे मुझे,
माना की इन चरणों के काबिल नहीं हूँ मैं।
तूँ ही बता कैसे पाऊँ तुझे सांई,
भटक न जाऊँ ये डर है मुझे,
हाथ पकङ कर राह दिखा सांई,
माना की इस राह पे चलने के काबिल नहीं हूँ मैं।
अब तो क्षमा कर मेरे गुनाह सांई,
हर फैसला तुझ पर छोङा है,
जान-बूझ कर कर अंजान न बन सांई,
माना की तेरी माफी के काबिल नहीं हूँ मैं।
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
माना मेरे सांई!!!
इतना सुख मेरे सांई तुने दिया,
माना कि इन सुखों के काबिल नहीं हूँ मैं,
हर दुःख में तूने साथ न छोङा,
माना की तेरे साथ के काबिल नहीं हूँ मैं।
तेरी कृपा की छाया में बैठी रहूँ,
बस इतनी कृपा करना मेरे सांई,
इन चरणों में पङा रहने दे मुझे,
माना की इन चरणों के काबिल नहीं हूँ मैं।
तूँ ही बता कैसे पाऊँ तुझे सांई,
भटक न जाऊँ ये डर है मुझे,
हाथ पकङ कर राह दिखा सांई,
माना की इस राह पे चलने के काबिल नहीं हूँ मैं।
अब तो क्षमा कर मेरे गुनाह सांई,
हर फैसला तुझ पर छोङा है,
जान-बूझ कर कर अंजान न बन सांई,
माना की तेरी माफी के काबिल नहीं हूँ मैं।
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!
Thursday, April 16, 2009
ॐ सांई राम~~~
कभी हस लिया कभी रो लिया
कभी खा लिया कभी सो लिया
कभी सोते दामन भिगो लिया
कभी खुद को खुद में डुबो लिया
कभी भाग जाने को दिल किया
कभी ये किया कभी वो किया
एक पल जो सोचा बैठ कर
अरे ये क्या हमने कुछ भी नहीं किया
जो गुनाह किया उसका फल लिया
शायद यही एक भला हुआ
जो मेरा गुनाह मुझे बयां हुआ
माफिया मांगी मैने किये सज़दे
पर गुनाह तो गुनाह किया..........
जय सांई राम~~~
कभी हस लिया कभी रो लिया
कभी खा लिया कभी सो लिया
कभी सोते दामन भिगो लिया
कभी खुद को खुद में डुबो लिया
कभी भाग जाने को दिल किया
कभी ये किया कभी वो किया
एक पल जो सोचा बैठ कर
अरे ये क्या हमने कुछ भी नहीं किया
जो गुनाह किया उसका फल लिया
शायद यही एक भला हुआ
जो मेरा गुनाह मुझे बयां हुआ
माफिया मांगी मैने किये सज़दे
पर गुनाह तो गुनाह किया..........
जय सांई राम~~~
Thursday, April 9, 2009
ॐ सांई राम~~~
काश, इक ऐसा रिश्ता हो,जिसका कोई नाम न हो,
भले ही वो पास न हो,पर धङकन तक पहचानता हो,
मेरी आँखों में जो आए आँसू,उसका वहां पर दिल घबराए,
जो मैं कभी हो जाऊं उदास,तो उससे भी रहा न जाए,
जब मैं करूं उसको जो याद,उसको भी फिर चैन न आए,
जब भी मैं उसको पुकारूं,झट से वो मेरे सामने आए,
मैं उससे कुछ भी न कहूँ,बिना कहे वो सब जान जाए,
मैं उससे कुछ भी न छुपाऊं,वो भी मुझसे कुछ भी न छुपाएं,
यदि ऐसा प्यारा रिश्ता हो जाए,इसके बाद फिर क्या रह जाए,
ख्वाइश शांति से जीवन गुजारने की,उसी पल पूरी हो जाए!!!
जय सांई राम~~~
काश, इक ऐसा रिश्ता हो,जिसका कोई नाम न हो,
भले ही वो पास न हो,पर धङकन तक पहचानता हो,
मेरी आँखों में जो आए आँसू,उसका वहां पर दिल घबराए,
जो मैं कभी हो जाऊं उदास,तो उससे भी रहा न जाए,
जब मैं करूं उसको जो याद,उसको भी फिर चैन न आए,
जब भी मैं उसको पुकारूं,झट से वो मेरे सामने आए,
मैं उससे कुछ भी न कहूँ,बिना कहे वो सब जान जाए,
मैं उससे कुछ भी न छुपाऊं,वो भी मुझसे कुछ भी न छुपाएं,
यदि ऐसा प्यारा रिश्ता हो जाए,इसके बाद फिर क्या रह जाए,
ख्वाइश शांति से जीवन गुजारने की,उसी पल पूरी हो जाए!!!
जय सांई राम~~~
Wednesday, April 8, 2009
ॐ सांई राम~~~
दूसरे का सुख बेच कर,लोग खरीदते अपना सुख,
फिर कर के थोङा बहुत दान पुन्य,चाहे भगवान हो जाए खुश,
कितनी मूर्खता है देखो ज़रा,जिसने बनाया सब को,
उसी को दुखा रूला कर,कैसे चाहे कि रब हो खुश,
ये तो वही हुआ कि माँ के सामने, उसी के बच्चे को रूला कर,
वो चाहे कि माँ कुछ भी न कहे,देखे उसी की और बच्चे को छोङ कर,
एक बच्चे का रोना माँ भी न सह पाए, तो फिर वो ऱब जो सारी स्रष्टि का कर्ता धर्ता,
उससे कैसे उम्मीद लगाए कि वो हमारे साथ आए~~~
जय सांई राम~~~
दूसरे का सुख बेच कर,लोग खरीदते अपना सुख,
फिर कर के थोङा बहुत दान पुन्य,चाहे भगवान हो जाए खुश,
कितनी मूर्खता है देखो ज़रा,जिसने बनाया सब को,
उसी को दुखा रूला कर,कैसे चाहे कि रब हो खुश,
ये तो वही हुआ कि माँ के सामने, उसी के बच्चे को रूला कर,
वो चाहे कि माँ कुछ भी न कहे,देखे उसी की और बच्चे को छोङ कर,
एक बच्चे का रोना माँ भी न सह पाए, तो फिर वो ऱब जो सारी स्रष्टि का कर्ता धर्ता,
उससे कैसे उम्मीद लगाए कि वो हमारे साथ आए~~~
जय सांई राम~~~
Tuesday, April 7, 2009
ॐ सांई राम~~~
वो आए रूके कुछ पल , झाका और चल दिए,
मैं दौङी पीछे पकङा हाथ,
और हैरानी से पूछा कहां चल दिए
वो बोले बङे दुखी मन से ...अरे पगली
तुने की थी पुकार ति में दौङा चला आया,
पर लगा जब अंदर आने,
तो देखा मैने कि भीङ है लगी हुई
सभी ने है डेरा जमाया,
मैं बैठू कहां ये बता मुझको
क्या है तेरे मन में मेरा ठिकाना
तू जब पुकारें मुझे मैं दौङा चला आता हूँ
पर तू तो ये भी ना जाने कि है मुझे कहां बिठाना
इस भीङ कि कुछ कम कर
कर साफ मेरी जगह को
फिर बुला मुझे फिर देख कभी ना होगा वापस जाना
मैं हो गई शर्मिदां इस सच को जान कर
कि मैने की पुकार वो आ भी गए
पर कभी नहीं सोचा कि है उन्हे कहाँ बिठाना!!!!
जय सांई राम~~~
वो आए रूके कुछ पल , झाका और चल दिए,
मैं दौङी पीछे पकङा हाथ,
और हैरानी से पूछा कहां चल दिए
वो बोले बङे दुखी मन से ...अरे पगली
तुने की थी पुकार ति में दौङा चला आया,
पर लगा जब अंदर आने,
तो देखा मैने कि भीङ है लगी हुई
सभी ने है डेरा जमाया,
मैं बैठू कहां ये बता मुझको
क्या है तेरे मन में मेरा ठिकाना
तू जब पुकारें मुझे मैं दौङा चला आता हूँ
पर तू तो ये भी ना जाने कि है मुझे कहां बिठाना
इस भीङ कि कुछ कम कर
कर साफ मेरी जगह को
फिर बुला मुझे फिर देख कभी ना होगा वापस जाना
मैं हो गई शर्मिदां इस सच को जान कर
कि मैने की पुकार वो आ भी गए
पर कभी नहीं सोचा कि है उन्हे कहाँ बिठाना!!!!
जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम!!!
सपने तो सपने होते है,
फिर भी देखते है हम सोते जागते,
फिर मैने भी एक सपना देखा,
सपने में कोई अपना देखा,
देखा, तो हैरान सी थी मैं,
बाबा उतर रहे थे आसमान से,
पंखों के आसन पर बैठे बाबा,
आँखों में प्यार और
हाथ में आशीर्वाद लिए,
गुरूवार का दिन था,
देखते ही मैं दौड़ने लगी इधर-उधर,
कहां जाऊं,कैसे रिझाऊं ,
कहाँ से लाऊँ फूल,
कहाँ से लाऊँ माला,
किस-किस को बुलाऊँ?
कैसे बुलाऊँ?
जी तो करता है ,
सारे जमाने को जगाऊं ,
दिखा दूँ अपने बाबा को
सिद्ध कर दूँ कि मैं सही हूँ।
देखा...आज आए है मेरे बाबा,
मेरे पास,
हमारे आँगन में खुद ही उतरे है ,
कूदने लगे प्रीती, मानव, वैभव, राज ;
बाबा के आस-पास,
तेज़ल को गुड्डा,
आयुश को हाथी,
तो किसी को शेर,
तो किसी को मिठाई,
सब को कुछ ना कुछ मिल रहा था,
मैं खङी थी चुपचाप,
केवल देख रही थी,
मुझे मालुम था,
जानती थी,
क्योंकि मैं सपने में थी,
पर,
आज मैने वो पाया जो मैं चाहती थी.....
जय सांई राम!!!
सपने तो सपने होते है,
फिर भी देखते है हम सोते जागते,
फिर मैने भी एक सपना देखा,
सपने में कोई अपना देखा,
देखा, तो हैरान सी थी मैं,
बाबा उतर रहे थे आसमान से,
पंखों के आसन पर बैठे बाबा,
आँखों में प्यार और
हाथ में आशीर्वाद लिए,
गुरूवार का दिन था,
देखते ही मैं दौड़ने लगी इधर-उधर,
कहां जाऊं,कैसे रिझाऊं ,
कहाँ से लाऊँ फूल,
कहाँ से लाऊँ माला,
किस-किस को बुलाऊँ?
कैसे बुलाऊँ?
जी तो करता है ,
सारे जमाने को जगाऊं ,
दिखा दूँ अपने बाबा को
सिद्ध कर दूँ कि मैं सही हूँ।
देखा...आज आए है मेरे बाबा,
मेरे पास,
हमारे आँगन में खुद ही उतरे है ,
कूदने लगे प्रीती, मानव, वैभव, राज ;
बाबा के आस-पास,
तेज़ल को गुड्डा,
आयुश को हाथी,
तो किसी को शेर,
तो किसी को मिठाई,
सब को कुछ ना कुछ मिल रहा था,
मैं खङी थी चुपचाप,
केवल देख रही थी,
मुझे मालुम था,
जानती थी,
क्योंकि मैं सपने में थी,
पर,
आज मैने वो पाया जो मैं चाहती थी.....
जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम~~~
मुझमे इतनी शक्ति नहीं,कि मीरा सी बन जाऊं,
यही अरदास है बस प्रभु मेरे,तेरे दासों की दास कहलाऊं,
उन्ही की सेवा करूं रात दिन,और नहीं कुछ चाहूं,
उन्ही के द्वारे पङी रहूं मै,उन्ही का दिया खाऊं,
वो जब भजन करे तेरा तो,मैं भी मौज उङाऊं,
सब कहते तूं भक्तों(दासों)का दास,मैं भी उन दासों की दास,
तेरा मेरा अनोखा रिश्ता,तूं भी दास,मैं भी दास~~~
जय सांई राम~~~
मुझमे इतनी शक्ति नहीं,कि मीरा सी बन जाऊं,
यही अरदास है बस प्रभु मेरे,तेरे दासों की दास कहलाऊं,
उन्ही की सेवा करूं रात दिन,और नहीं कुछ चाहूं,
उन्ही के द्वारे पङी रहूं मै,उन्ही का दिया खाऊं,
वो जब भजन करे तेरा तो,मैं भी मौज उङाऊं,
सब कहते तूं भक्तों(दासों)का दास,मैं भी उन दासों की दास,
तेरा मेरा अनोखा रिश्ता,तूं भी दास,मैं भी दास~~~
जय सांई राम~~~
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