Friday, January 30, 2009

ॐ सांई राम!!!

तमन्ना यही है कि तमन्ना पूरी ना हो
जो पूरी हो वो तमन्ना नहीं,
इन आँखों में रहे प्यास सदा तेरे दीदार की
ये प्यास कभी पूरी ना हो,
दिल तङपे सदा तेरे लिए
पर तुझे मिलने की तङप कभी पूरी ना हो,
हर पल तरसूं तुझे पाने को
पर ये तुझे पाने की आस कभी पूरी ना हो,
यदि यूं ही हो मेरे साथ , हर पल करूं तुझे याद
तो फिर तेरे मेरे बीच में कोई दूरी ना हो,
इस जीवन की सार्थकता फिर अधूरी ना हो !~!

जय सांई राम!!!

Saturday, January 24, 2009

ॐ सांई राम~~~

तू ही मेरा सुखमणी, तूही मेरा चिंतामणी,
तू ही मेरी अम्रतधारा,तू ही मेरा सदा रखवाला,
तू ही मेरा सब कुछ,तू ही मेरा प्रतिपाला,
तेरे सिवा नहीं सूझे और,कहाँ जाऊं नहीं कोई ठौर,
कहीं और सिर मेरा झुकता नहीं,दिल कहीं मेरा ठुकता नहीं,
पर यहाँ झुकने से रूकता नहीं,तू मुझे सम्भाल पकङ मेरी बाँह,
तू ही मेरी ठौर तू ही मेरी थाह,मर कर कहाँ जाना है क्या जांनू,
जीते जी हे सांई मैं तेरे सिवा कुछ और न मांनू~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम!!!

आप पास रहते हो मेरे,
या दूर हो मुझसे,
पर क्या फर्क पङता है,
सांई , आप दिल में मेरे हर दम है,
जब से देखा है आप को सांई,
आँखों में मेरी सुरूर सा रहता है ।
कोई भाता नहीं मुझको,
यूँ लगता सब झूठा नाता है ।
तेरी सच्चाई के आगे सांई,
बाकी सब झूठ नज़र आता है ।
आप पास नहीं हो मेरे फिर भी,
हर पल क्यों इतना प्यार आता है~~~


जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम!!!

हे मेरे सांई मेरे सर्वाधार
मेरा जीवन मेरा प्यार,
सब कुछ मेरा तुम हो सांई
मैं हूँ बेटी तेरी सांई,
हर पल तुझे बुलाती हूँ
दिल का हाल सुनाती हूँ,
सुखी रहूं या दुखी रहूं
कोई फर्क नहीं पङता है,
क्योंकि तूं ही मेरी ढ़ाल है
तूं ही मेरी निडरता है,
डरूँ किसी से कभी न मैं
क्योंकि सांई मेरे साथ हैं,
तूं ही मेरा सब कुछ हैं
तूं मेरा आधार है!!!

जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम~~~

श्री राम के फकीरी भेष की पहचान है तूं~
इसाई भी तेरे चरणों में झुकते है~~
गुरू-नानक की आन है तूं~
अल्लाह पाक की शानों-शौकत वाले~~
"ऐ फकीर बादशाह"
हम सब का सांई भगवान है तूं~~~


जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम!!!

ये किन कर्मों का फल है बाबा,
कि मैंने तुमको पाया है~~
ये बहु-प्रतीक्षित सा समय बाबा,
मेरे जीवन में आया है~~
ये मूरत तेरी, ये सूरत तेरी बाबा,
कितनी सुन्दर काया है~~
चेहरे से नज़रे हटाऊँ कैसे बाबा,
ये तेरी कैसी माया है~~~

जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम!!!

मैं दिशा तो विस्तार है आप,
मैं नाम तो पहचान है आप,
आप का हाथ पकङ कर सीखा है चलना,
सदा चाहा है आप की बताई राह पर चलना,
सदा रखना हमारे सिर पर हाथ अपना क्योंकि,
मैं तो सिर्फ मिट्टी का ढेला,कुम्हार है आप~~

मैं घटा तो बरसात है आप,
मैं नदी तो सागर है आप,
आपने बताया है दूसरों के लिए जीना,
आप के ही पदचिहनों पर चल कर मंज़िल को है पाया,
सदा रखना हमें अपनी छाया में क्योंकि,
मैं तो सिर्फ प्यासा पंक्षी,अमृत का दरिया है आप~~~

मैं किरण तो सूर्य है आप,
मैं सीप तो मोती है आप,
आप ने सिखाया है गम में भी मुस्कराना,
आप ने सिखाया है दुनिया में काबिल बनना,
कभी न होना नाराज़ हमसे क्योंकि,
मैं तो सिर्फ छोटा-सा पौधा, माली है आप~~~

जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम!!!

सांई , जब मैं देखू आप के हाथ,
लंबी उगलियां प्यारे हाथ,
इन हाथों में कैसी बरकत ,
जब सिर पर आ जाए इक बार ,
भर जाता उस का भंडार ,
धन का भडारं तो सब भर देते,
ये भरते मन का भंडार ,
इन हाथों का अजब करिश्मा ,
मैं जो महसूस करती हर बार ,
जब ये मुझको छू जाते ,
आँखों में भर जाता नीर ,
रूह तक काँप उठती मेरी ,
बस में नहीं रहता मेरा शरीर ,
यूँ लगता सब कुछ मिल गया ,
मिट जाती मन की हर पीर ~~~

जय सांई राम!!!
ॐ सांई राम!!!

हे सांई तेरे बेअन्त नाम,
कैसे पार मैं पाऊं~
वारे जाऊं दाता तुझ पर,
तेरे चरणों में सीस नवाऊं~~

कोई ओर हमें क्या देदेता,
इस दर से जो मैने पाय है~
जन्नत है जिसके कदमों में,
उस सांई का मुझ पर साया है~~~

जय सांई राम!!!

Thursday, January 8, 2009

ॐ सांई राम~~~

स्वर्ग है क्या या है कहाँ,
मुझको ये मालूम नहीं,
मैने तो इस धरती पर,
स्वर्ग को पहचाना है...
जहाँ बरसे सांई नाम का अम्रत,
स्वर्ग सा सुख वो दे जाए,
जहाँ मिले कुछ पल की शांति,
स्वर्ग वही बन जाए,
जो लगाए डुबकी इस अम्रत में,
नाम की नौका जो चढ़ जाए,
स्वर्ग की फिर कहाँ चाह रहे,
भवसागर से भी तर जाए,
वहीं स्वर्ग है इस धरती पर,
जहाँ नाम का रस बरसता है,
हर पत्ता ,हर कली ,हर डाली,
हर कण में सांई ही बसता है~~~

मेरे बाबा~~~मेरे सांई~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

अनदेखे प्रियतम प्यारे सांई ,
हे अविनाशी हे सुखधाम,
तूने कृपा बरसाई है ,
जो अब मेरी बारी आई है ।
सुख पा लिया, दुख झेल लिया,
संसारिक खेल भी खेल लिया,
अब मिला सहारा सांई तेरा,
मेरे परमक्रपालू बाबा का,
अब इस अम्रत का मैं पान करूं,
इस गंगा में मैं स्नान करूं,
अब और नहीं कुछ चाहूं मैं,
बस इन चरणों में खो जाऊं मैं~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

तेरी तस्वीर देखूतो जी चाहे कि बातें करूं,
जब बाते करूं तो जवाब भी चाहूं ,
तेरे तो आँख,हाथ सब बातें करते है,
होठ यूँ लगते है कि बस अभी खुले है,
ये शांत मुस्कान मुझे अधीर करे है,
तू बोल ,क्यों नहीं बोलता है,
तेरी तस्वीर में इतनी कशिश है,
तो तेरा नूर कैसा होगा,
सोच के दिल में कुछ होता है,

हे सांई तू कैसा होगा......
हर पल कृपा बरसाता है पर दिखाई क्यों नहीं देता है,
तू मेरे पास है पल पल,सब मुझे बताता है,
पर सामने क्यों नहीं आता है~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

मेरी ज़िदंगी है तब तक,
जब तक तेरा सहारा~~
हर तरफ सांई तूँ ही तूँ है,
बस तेरा ही है नज़ारा~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

तू ही मेरा सुखमणी, तूही मेरा चिंतामणी,
तू ही मेरी अम्रतधारा,तू ही मेरा सदा रखवाला,
तू ही मेरा सब कुछ,तू ही मेरा प्रतिपाला,
तेरे सिवा नहीं सूझे और,कहाँ जाऊं नहीं कोई ठौर,
कहीं और सिर मेरा झुकता नहीं,दिल कहीं मेरा ठुकता नहीं,
पर यहाँ झुकने से रूकता नहीं,तू मुझे सम्भाल पकङ मेरी बाँह,
तू ही मेरी ठौर तू ही मेरी थाह,मर कर कहाँ जाना है क्या जांनू,
जीते जी हे सांई मैं तेरे सिवा कुछ और न मांनू~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

अकारण कृपा करने वाले,परम कृपालु परमेश्वर प्यारे,
तेरी कृपा का क्या कहूँ,तेरा दिया सब पाया है,
तेरा दिया ही पहना है,तेरा दिया ही खाया है,
तेरी कृपा का क्या कहना,चींटी से भी घर बनवाया है,
सारे जग को पाल रहा तूँ,कैसी तेरी माया है,
दुख सुख सब बंटे बराबर,कैसा हिसाब बनाया है,
कहाँ छिपा तूँ सब कुछ देखे,ये कैसा जाल बिछाया है,
तूँ तो बैठा कृपा बरसाए,हर पल उसको पाया है,
ये धरती,फूल,पशु,या हम,हर कण में तूँ ही समाया है~~~

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

कैसे सुकून पाऊं तुम्हे देखने के बाद,
अब क्या हाल सुनाऊं तुम्हे देखने के बाद,
चारों तरफ ही मेरे सांई है,
किस तरफ सिर झुकाऊं तुम्हे देखने के बाद,
अब जो ये सिर झुका है तेरे चरणों में,
कैसे सिर उठाऊं तुम्हे देखने के बाद,
आँखों में भरी है मस्ती तेरे प्यार की,
अब किससे नज़रे मिलाऊं तुझे देखने के बाद.....

जय सांई राम~~~
ॐ सांई राम~~~

आप पास रहते हो मेरे,
या दूर हो मुझसे,
पर क्या फर्क पङता है,
सांई , आप दिल में मेरे हर दम है,
जब से देखा है आप को सांई,
आँखों में मेरी सुरूर सा रहता है ।
कोई भाता नहीं मुझको,
यूँ लगता सब झूठा नाता है ।
तेरी सच्चाई के आगे सांई,
बाकी सब झूठ नज़र आता है ।
आप पास नहीं हो मेरे फिर भी,
हर पल क्यों इतना प्यार आता है~~~


जय सांई राम~~~
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

Visit Our Spiritual Forum & Join the Ever growing Sai Family !
http://www.sai-ka-aangan.org/

Member of Sai Web Directory

Sai Wallpapers
Powered by WebRing.