Thursday, November 27, 2008

ॐ साईं राम~~~

कुछ लोग कैसे होते है,लगते तो है आम इंसान
पर कमाल की ताकत रखते है,या जादूगर वो होते है,
कर के रखते आँखे बंद,पर अंदर तक पढ़ लेते है,
हम तो खुद को नहीं जान पाते,वो दुनिया को समझ लेते है,
चाहे कुछ भी मन में हो,कभी नहीं वो जताते है,
कितनी भी इच्छाएँ हो,पर उन्हें दबाएं जाते है,
दिल में हो लाखों तूफान,पर कितने शांत वो रहते है,
दूसरों का दुख करे,इसी में सुख वो पाते है,
यही लोग है जो सच में,जीवन सार्थक बनाते है,
बिना कोई तपस्या किये,परमेश्वर को पा जाते है~~~

बाबा~~~काश~~~~~~~~~~~~~~~~~~

जय साईं राम~~
ॐ सांई राम!!!

वो आए रूके कुछ पल , झाका और चल दिए,
मैं दौङी पीछे पकङा हाथ,
और हैरानी से पूछा कहां चल दिए
वो बोले बङे दुखी मन से ...अरे पगली
तुने की थी पुकार ति में दौङा चला आया,
पर लगा जब अंदर आने,
तो देखा मैने कि भीङ है लगी हुई
सभी ने है डेरा जमाया,
मैं बैठू कहां ये बता मुझको
क्या है तेरे मन में मेरा ठिकाना
तू जब पुकारें मुझे मैं दौङा चला आता हूँ
पर तू तो ये भी ना जाने कि है मुझे कहां बिठाना
इस भीङ कि कुछ कम कर
कर साफ मेरी जगह को
फिर बुला मुझे फिर देख कभी ना होगा वापस जाना
मैं हो गई शर्मिदां इस सच को जान कर
कि मैने की पुकार वो आ भी गए
पर कभी नहीं सोचा कि है उन्हे कहाँ बिठाना!!!!

जय सांई राम!!!

Saturday, November 22, 2008

ॐ सांई राम~~~

ओ मेरे बाबा,मेरे प्राणधार,मेरे सर्वाधार...
मेरा जीवन तो बस तेरा प्यार,
सब कुछ तुम हो मेरे सांई,
मैं हूँ बेटी तेरी बाबा,
हर पल तुझे बुलाती बाबा,
दिल का हाल सुनाती बाबा,
खुश रहूं या उदास रहूं कोई फर्क न पङता मुझको,
क्योंकि तुम हो हर पल मेरे साथ,
तुम ही मेरी निडरता हो,
तुम हो मेरी ढ़ाल,
डरूं कभी ना किसी से मैं ,
कयोकिं जानू तुम हो हर पल मेरे साथ,
बाबा तुम ही मेरे सब कुछ हो,
तुम ही मेरा आधार,ओ मेरी सच्ची सरकार,
बस मेरे बाबा एक बार तुम आजाओ,
सूनी अखियों की प्यास बुझा जाओ,
अब मन की तङप बुझा जाओ,
एक बार बाबा तुम आजाओ~~~एक बार तुम बाबा आजाओ~~~

जय सांई राम~~

Wednesday, November 19, 2008

ॐ सांई राम~~~

तेरी तस्वीर देखूतो जी चाहे कि बातें करूं,
जब बाते करूं तो जवाब भी चाहूं ,
तेरे तो आँख,हाथ सब बातें करते है,
होठ यूँ लगते है कि बस अभी खुले है,
ये शांत मुस्कान मुझे अधीर करे है,
तू बोल ,क्यों नहीं बोलता है,
तेरी तस्वीर में इतनी कशिश है,
तो तेरा नूर कैसा होगा,
सोच के दिल में कुछ होता है,

हे सांई तू कैसा होगा......
हर पल कृपा बरसाता है पर दिखाई क्यों नहीं देता है,
तू मेरे पास है पल पल,सब मुझे बताता है,
पर सामने क्यों नहीं आता है~~~

जय सांई राम~~~
ॐ साईं राम~~~

बाबा पर छोड़ कर हे तो देख,
बाबा न सुने तो कहना~~
साईं को मन से बुला कर के तो देख,
दौड़े चले न आये तो कहना~~
साईं को हिए से कगा कर हे तो देख,
साईं हिए से न लगाए तो कहना~~
साईं को अपनी बात बता कर के तो देख,
वो पूरी न करे तो कहना~~
साईं नाम की मन में अलख जगा कर के तो देख,
वो मन में न बस जाए तो कहना~~
साईं की तरफ एक कदम बढ़ा कर तो देख,
वो दस कदम न बढ़ाए तो कहना~~
साईं के चरणों में नत-मस्तक हो कर के देख,
वो सिर पर हाथ न रखें तो कहना~~
साईं के आगे झोली फैला कर के देख,
वो झोली खुशियों से न भर दे तो कहना~~
मन साफ,पवित्र ,ईर्ष्या, द्वेश मिटा कर के तो देख,
तेरा बोला सच न हो जाए तो कहना~~

जय साईं राम~~~
ॐ साँई राम!!!

अब और मुझसे सहा न जाए
इक पल भी दूर रहा न जाए
अब मुझे कुछ भी न भाए
सांस लेना भी भारी लगे
हर पल आप की याद सताएं
आप ने क्या कर दिया
मेरा कैसा हाल किया
अब तो आँसू भी नहीं आते
जब आते है तो रूक नहीं पाते
आप की छवि आँखों में रहती
दिल को मेरे कचोटती रहती
बाहें फैलाए मुझे बुलाती
पर मैं तो आ ही न पाते
फिर उस पल मेरा दिल घबराए
जी चाहे अभी उङ जाए
पंछी बिन पर जैसे फङफङाए
इसका वही हाल हो जाए
ये आप तक आ न पाए
बस यहीं पङा मायूस हो जाए
अब और सही नहीं जाती ये सजाएं
अब तो आप कृपा बरसाएं
मुझको चरणों में अब बिठाएं~~~

जय साँई राम!!!
ॐ सांई राम~~~

चाहत हो तेरे दीदार की बस,
कोई और मुझे अब चाह न हो,
कुछ ऐसा करिश्मा कर दो सांई,
मुझे अपनी भी परवाह न हो,
भिखारिन हूँ तेरे दर की,
सांई खाली हाथ न जाऊँगी,
बैठी हूँ तेरे दर पे सांई,
अब तो ले के कुछ उठूँगी,
चाहे पत्थर बना ले अपने दर का,
चरण धूली मैं पा लूँगी,
चाहे फूल बना ले सांई मुझको,
तेरे आँचल की सांई मैं हवा लूँगी,
बनी रहे ये चाहत यही चाहती हूँ मैं,
तेरे दर की भिखारिन बनना चाहती हूँ मैं~~~~

जय सांई राम~~~
ॐ साईं राम~~~

मेरा साईं है हम सब का सहारा,
साईं का यह एहसास बङा ही प्यारा!!!

जब से साथ मिला साईं का~~~

गीत न भावे,कोई राग न भावे मोहे,
केवल साईं को सुनने की चाह~~
आँखे न मेरी चाहे कोई रंगीनियाँ देखना,
सिर्फ साईं को देखने की चाह~~
किसी के संग चलना ना चाहू मैं,
सिर्फ साईं के संग अब चलने की चाह~~
किसी से बात करना न चाहू मैं,
सिर्फ साईं संग बात करने की चाह~~
किसी संग हंसना न रोना चाहू मैं,
सिर्फ साईं संग हंसने-रोने की चाह~~

बस, अब कुछ और नहीं चाह,
बस, अब तो सिर्फ साईं संग हाथ पकङ कर चलने की चाह~~
साईं को खुद में समां लेने की चाह~~
साईं की भक्ति में डूब जाने की चाह~~~

साईं~~~~~

जय साईं राम~~~

Saturday, November 15, 2008

साँई राम!!!

अब और मुझसे सहा जाए
इक पल भी दूर रहा जाए
अब मुझे कुछ भी भाए
सांस लेना भी भारी लगे
हर पल आप की याद सताएं
आप ने क्या कर दिया
मेरा कैसा हाल किया
अब तो आँसू भी नहीं आते
जब आते है तो रूक नहीं पाते
आप की छवि आँखों में रहती
दिल को मेरे कचोटती रहती
बाहें फैलाए मुझे बुलाती
पर मैं तो ही पाते
फिर उस पल मेरा दिल घबराए
जी चाहे अभी उङ जाए
पंछी बिन पर जैसे फङफङाए
इसका वही हाल हो जाए
ये आप तक पाए
बस यहीं पङा मायूस हो जाए
अब और सही नहीं जाती ये सजाएं
अब तो आप कृपा बरसाएं
मुझको चरणों में अब बिठाएं~~~

जय साँई राम!!!

Wednesday, November 5, 2008

साईं राम~~~

हे साईं तुझे पकड़ना होगा मेरा हाथ
तुझे देना होगा हर पल मेरा साथ
तेरे सिवा नहीं चाहती मैं किसी का भी साथ
क्योंकि बाकी दुनिया क्या करनी,जब तूं है मेरे साथ!
बाबा मैं कैसी भी हूँ,पर हूँ तो तेरी डास
आप का हाथ रहे सिर पर एक यही मेरी अरदास
दुनिया के नज़ारे देख देख कर मैं तो हुई उदास
आँखों में रहती है हर पल तेरी झलक ही प्यास,
जब चाँहू मैं दर्शन पाना,दिल में आती ये बात
क्या मैं हूँ एस लायक,जो हो पूरी ये मेरी आस,
पर फिर बाबा ये भी तो है कि
बच्चा हो कितना मैला
पर जब चाहे वो गोद में आना
माँ कभी नहीं करती निराश,
बस यही सोच मैं खुश हो जाऊं,बंध जाती फिर आस
कि बाबा आप रखेगी मेरे सिर पर हाथ
बुझे गी मेरी भी दर्शन की प्यास~~~

जय साईं राम~~~
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