Saturday, May 12, 2012

ॐ साईं राम


मेरे घर के पास बाबा का
इक मँदिर बन रहा है
खुशी के मारे मेरा
उछल ये मन रहा है


कब से तड़प रही थी
देवा तुम्हारी दासी
क्या भूल हुई मुझसे
क्यूँ अखियाँ रहीं प्यासी


मेरे मालिक ने तमन्ना
मेरे दिल की पूरी कर दी
सारे जहाँ की खुशियाँ
मेरे दामन में हैं भर दी


पावन पुनीत सुन्दर
दिलकश नज़ारा होगा
तरसे नैनों के सन्मुख
मेरा साईं प्यारा होगा


अब तेरे दर पे स्वामी
नित आना जाना होगा
भक्तों की सँगतों का
मँज़र सुहाना होगा


खुश होऊँगी मैं जब जब
तेरे पास आ जाऊँगी
बाँटूंगी तुझसे खुशियाँ
मन में मैं हरषाऊँगी


याऽ कभी जो देवा
गमगीन होगी दासी
दर्शन तुम्हारा पाकर
मिट जाएगी उदासी


नित आरती में आकर
मँजीरे बजाऊँगी
मनभावन साईं तेरा
नेवैद्य बनाऊँगी


परदेस में भी मेरा
इक मायका प्यारा होगा
साईं माँ का आँचल होगा
अद्भुत सहारा होगा


भक्तन की भावना को
स्वीकार दाता करना
मेरा फैला हुआ दामन
शुभ दर्शनों से भरना


जय साईं राम
ॐ साईं राम!!!


जब दिल में मेरे जो कुछ भी मलाल थे ...
जब जीवन कुछ बेहाल था ...
जब कुछ खालीपन और तन्हाई थी...
किस्मत की तँगदिली भी थी....
जब कोई आस नहीं है दुनिया से....
जब मेरी झोली में थे छेद हजार
और किस्मत की कुछ मार भी थी....
जब इन टेढे मेढे रस्तों पर कई दोस्त मिले थे और छोड गए थे...
दुनिया के रिश्ते नातों ने कुछ ज़ख्म दिए थे सीने में......


पर फिर जब तुझे देखा , तेरी चेहरा देखा, बस यही याद आया....


जब दुःख से मन घबरा जाए~
चहुँ और अन्धेरा छा जाए~
जब एक किरण भी आशा की ~
आती हो न नज़र .....प्रार्थना कर...प्रार्थना कर...प्रार्थना कर...प्रार्थना कर...


शुक्र है मेरे साईं तेरा....तेरी रहमतों का... तुम ही थे हर पल संग मेरे बाबा....तेरा हाथ था सदा मेरे सिर पर ...तुने मुझे संभाला.....मेरे लडखडाते हुए क़दमों को तुने संभाला....शुक्र है मेरे साईं...

जय साईं राम!!!
ॐ साईं राम


साईं तेरे द्वारे आऊँ
बाबा तुझको शीश नवाऊँ
तुझपे मैं बलिहारी जाऊँ
तुझपे वारि वारि जाऊँ


तेरा रस्ता मँज़िल मेरी
तुझको पाना चाहत मेरी
तेरे पथ पर चलती जाऊँ
थकूँ रुकूँ ना बढती जाऊँ
तुझपे मैं बलिहारी जाऊँ
तुझपे वारि वारि जाऊँ


तेरा सुमिरन काम है मेरा
मन मन्दिर में धाम है तेरा
साईं साईं रटती जाऊँ
साँस साँस से तुझको ध्याऊँ
तुझपे मैं बलिहारी जाऊँ
तुझपे वारि वारि जाऊँ


तेरी कथा कहूँ सुनूँ मैं
तेरा लीला गान गुनूँ मैं
तेरी महिमा सुनूँ सुनाऊँ
तेरी चर्चा में सुख पाऊँ
तुझपे मैं बलिहारी जाऊँ
तुझपे वारि वारि जाऊँ


तुझपे श्रद्धा, तेरी भक्ति
तुझसे चाहत और आसक्ति
तुझसे ही बस आस लगाऊँ
मन में दृढ विश्वास जगाऊँ
तुझपे मैं बलिहारी जाऊँ
तुझपे वारि वारि जाऊँ


जय साईं राम
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

Visit Our Spiritual Forum & Join the Ever growing Sai Family !
http://www.sai-ka-aangan.org/

Member of Sai Web Directory

Sai Wallpapers
Powered by WebRing.