Friday, July 1, 2011

ॐ साईं राम!!!

साईं , अब मैं थकने लगी हूँ~
जीवन बोझ सा बन गया है मेरा,
भीड़ में दम घुटने लगा है,
सारी बातें नीरस लगती है,
बार-बार वही बाते सुनकर साईं अब मैं थकने लगी हूँ~
हंसने को दिल नहीं चाहता है,
पर झूठा मुस्कुरा मुस्कुरा कर साईं अब मैं थकने लगी हूँ~
सच्चा प्यार नहीं रखता कोई,
और झूठा प्यार निभा निभा कर साईं अब मैं थकने लगी हूँ~

अपनी शीतल छाया दो, अमृत की वर्षा मुझ पर कर दो मेरे साईं~
अब और सहा नहीं जाता ,तेरे बन अब रहा भी नहीं जाता~

अब जीवन की शाम हो गयी है साईं~
अब वापिस तेरे पास आना चाहूँ साईं~
रात को तेरी गोदी में जी भर कर सोना चाहूँ मेरे साईं~
थपकियाँ कोमल हाथों की अब मैं चाहूँ साईं~
अब सो कर कभी नहीं जगाना चाहूँ मैं साईं~~

जय साईं राम!!!
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

Visit Our Spiritual Forum & Join the Ever growing Sai Family !
http://www.sai-ka-aangan.org/

Member of Sai Web Directory

Sai Wallpapers
Powered by WebRing.