Friday, July 1, 2011

ॐ साईं राम!!!

ओ मेरे साईं प्यारे~
मुझको ऐसा वर दो~
सेवा, श्रद्धा और सबुरी से मे
री झोली भर दो~~
सेवा हो शबरी जैसी, और प्रेम हो मीरा सा~
श्रद्धा हो तुलसी जैसी, और बोल कबीर सा~
मेरे इस नीरस जीवन में प्रेम का रस तुम साईं अब भर दो~
बाबा~
मेरे हृदय में तुम बस जाओ~
मेरे साईं ये तो तेरा घर है~
तेरा तुझको सौपते, क्या लागे मेरा है~~
झुक जाए जो तेरे चरणों में तुम मुझको ऐसा मन दो~
बाबा~
मेरी तुझसे ये हाथ जोड़ कर विनती है~
इस जग में रह कर भी ~
जग से दूर रहूँ मैं~
बस, हर पल तेरा नाम जपूँ मैं ~
और तेरी भक्ति में चूर रहूँ मैं~
मेरे बाबा, मेरा यह अरमान है~
इसे साईं तुम पूरा कर दो~~
मेरे साईं जिस ओर भी देखूं~
बस तेरा ही नज़ारा हो~
मेरी ज़िंदगी सवंर जाए~
अगर मेरे साईं तुम एक इशारा कर दो~
मेरे इस बेरंग से जीवन में ~
तुम अपने प्रेम का रंग भर दो~~

मेरे बाबा मेरे साईं मेरी इस विनती को तुम पूरा कर दो~~~

जय साईं राम!!!
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

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