SHIRDI SAI BABA POEMS
कुछ हटकर, अलग से ख्याल !!
न चाहतें होंगी,न अरमान होंगे,
तो रास्ते शायद आसान होंगे!
न पहचान होगी कोई ज़िन्दगी की,
एहसास पत्थर से बेजान होंगे!
मंजिल को पाके भी ढूंढेंगे मंजिल,
ये आगाज़ होंगे या अंजाम होंगे!
किन-किन की बातों को अपना बनाएं,
हम ही खुद की बातों से अनजान होंगे!
तेरी शख्सियत के ही चर्चे रहेंगे,
हम गुमनाम ही थे,हम गुमनाम होंगे!
बसा लो कोई घर यहीं पर बना कर,
हम तो बस दो दिन के मेहमान होंगे!
न जाने कहाँ फिर मिलोगे हमें तुम,
बुलाना न हमको,हम बेनाम होंगे!
--By Bhawna