ॐ साईं राम
शुक्रिया साईं-
जीवन में बहुत कुछ देने के लिए............
क्योंकि-
तेरी नेमतों के सहारे ही
यह जीवन जी पा रही हूँ
शुक्रिया साईं-
जीवन में बहुत कुछ नहीं देने के लिए..........
क्योंकि-
जो कुछ नहीं है, अगर वो होता
तो और भी उलझती जाती
और उसे सँभालती कैसे?
शुक्रिया साईं-
बहुत कुछ देकर वापस ले लेने के लिए...........
क्योंकि-
इसी तरह तो सारे बँधन टूटेंगे
इसी तरह तो सारे मोह छूटेंगे
शुक्रिया साईं-
बहुत कुछ हमेशा के लिए देने के लिए........
क्योंकि-
अगर तुम्हारा निरँतर और शाश्वत साथ ना होता
तो ये जीवन व्यर्थ ही होता
इसलिए साईं..............
हर हाल के लिए शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया
जय साईं राम
शुक्रिया साईं-
जीवन में बहुत कुछ देने के लिए............
क्योंकि-
तेरी नेमतों के सहारे ही
यह जीवन जी पा रही हूँ
शुक्रिया साईं-
जीवन में बहुत कुछ नहीं देने के लिए..........
क्योंकि-
जो कुछ नहीं है, अगर वो होता
तो और भी उलझती जाती
और उसे सँभालती कैसे?
शुक्रिया साईं-
बहुत कुछ देकर वापस ले लेने के लिए...........
क्योंकि-
इसी तरह तो सारे बँधन टूटेंगे
इसी तरह तो सारे मोह छूटेंगे
शुक्रिया साईं-
बहुत कुछ हमेशा के लिए देने के लिए........
क्योंकि-
अगर तुम्हारा निरँतर और शाश्वत साथ ना होता
तो ये जीवन व्यर्थ ही होता
इसलिए साईं..............
हर हाल के लिए शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया
जय साईं राम