ॐ सांई राम~~~
अकारण कृपा करने वाले,परम कृपालु परमेश्वर प्यारे,
तेरी कृपा का क्या कहूँ,तेरा दिया सब पाया है,
तेरा दिया ही पहना है,तेरा दिया ही खाया है,
तेरी कृपा का क्या कहना,चींटी से भी घर बनवाया है,
सारे जग को पाल रहा तूँ,कैसी तेरी माया है,
दुख सुख सब बंटे बराबर,कैसा हिसाब बनाया है,
कहाँ छिपा तूँ सब कुछ देखे,ये कैसा जाल बिछाया है,
तूँ तो बैठा कृपा बरसाए,हर पल उसको पाया है,
ये धरती,फूल,पशु,या हम,हर कण में तूँ ही समाया है~~~
जय सांई राम~~~