ॐ सांई राम!!!
सांई , जब मैं देखू आप के हाथ,
लंबी उगलियां प्यारे हाथ,
इन हाथों में कैसी बरकत ,
जब सिर पर आ जाए इक बार ,
भर जाता उस का भंडार ,
धन का भडारं तो सब भर देते,
ये भरते मन का भंडार ,
इन हाथों का अजब करिश्मा ,
मैं जो महसूस करती हर बार ,
जब ये मुझको छू जाते ,
आँखों में भर जाता नीर ,
रूह तक काँप उठती मेरी ,
बस में नहीं रहता मेरा शरीर ,
यूँ लगता सब कुछ मिल गया ,
मिट जाती मन की हर पीर ~~~
जय सांई राम!!!