ॐ साईं राम~~~
लोग कहेगें पागल हूँ मैं तो हो गई हूँ दीवानी,
पर मेरे दिल की प्यास किसी ने न जानी,
लोग क्या जाने दीदार की तङप,
जिसे हो वही जाने ये दर्द,
हर किसी में तुझे ढूढ़ती फिरूं,
तेरी एक झलक को तरसती फिरूं,
साईं,एक कर्म कीजिए,रोज़ का झंझट खत्म कीजिए,
मेरे नैनों में बस जाइऐ,या फिर मुझे खाक बना दीजिए,
अपने चरणों के नीचे बिछा लीजिए,इस जीने से अलग कीजिए,
यह तङप अब सही न जाए,कीजिए दया अब ये दर्द बढता ही जाए~~~
जय साईं राम~~~