ॐ साईं राम
साईं नव वर्ष में हमको
अनुपम ये उपहार दे दो
मोह माया छूटे इस जग की
आँचल भर कर प्यार दे दो
जीवन का हर क्षण तुम ले लो
भक्ति रस का सागर दे दो
श्रद्धा और सबूरी भर लूँ
दृढ निश्चय की गागर दे दो
तृषित नेत्र शीतल हो जाऐं
दर्शन प्यारा प्यारा दे दो
किसी की आस ना हो इस मन में
अपना एक सहारा दे दो
अजपा जाप चले सदा भीतर
साईं नाम धन दान दे दो
आशा तृष्णा लोभ को मेटो
सब्र शुक्र की खान दे दो
अँतरमुख हो जाऐं स्वामी
हमको ये वरदान दे दो
बन्धन को पहचाने दाता
विरक्त भाव का ज्ञान दे दो
आसक्ति के भ्रम को तोडो
मोक्ष प्राप्ति की इच्छा दे दो
मुड मुड जीव ना आए धरा पर
मुक्ति की शुभेच्छा दे दो
जय साईं राम
साईं नव वर्ष में हमको
अनुपम ये उपहार दे दो
मोह माया छूटे इस जग की
आँचल भर कर प्यार दे दो
जीवन का हर क्षण तुम ले लो
भक्ति रस का सागर दे दो
श्रद्धा और सबूरी भर लूँ
दृढ निश्चय की गागर दे दो
तृषित नेत्र शीतल हो जाऐं
दर्शन प्यारा प्यारा दे दो
किसी की आस ना हो इस मन में
अपना एक सहारा दे दो
अजपा जाप चले सदा भीतर
साईं नाम धन दान दे दो
आशा तृष्णा लोभ को मेटो
सब्र शुक्र की खान दे दो
अँतरमुख हो जाऐं स्वामी
हमको ये वरदान दे दो
बन्धन को पहचाने दाता
विरक्त भाव का ज्ञान दे दो
आसक्ति के भ्रम को तोडो
मोक्ष प्राप्ति की इच्छा दे दो
मुड मुड जीव ना आए धरा पर
मुक्ति की शुभेच्छा दे दो
जय साईं राम