ॐ साईं राम!!!
मेरा हाथ पकङना सांई~~
जब चारों और अंधेरा हो,
जब दिखता न कहीं सवेरा हो,
जब बोल न मैं कुछपाऊँ,
और मन ही मन घबराऊँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~
जब कोई अपना छूट जाये,
जब कोई सपना टूट जाये,
जब किसी से कोई आस न हो,
जब किसी पर विश्वास न हो,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~
जय साईं राम!!!
मेरा हाथ पकङना सांई~~
जब चारों और अंधेरा हो,
जब दिखता न कहीं सवेरा हो,
जब बोल न मैं कुछपाऊँ,
और मन ही मन घबराऊँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~
जब कोई अपना छूट जाये,
जब कोई सपना टूट जाये,
जब किसी से कोई आस न हो,
जब किसी पर विश्वास न हो,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~
जय साईं राम!!!