ॐ साईं राम
दिनचर्या
हाथ जोड वँदन करूँ
परम दयामय नाथ
स्व भक्तों के भाल पर
रखना अपना हाथ
प्रातः काल.........
नित प्रातः वँदन करूँ
रवि किरणों के सँग
तेरे नाम सुनाम का
पाऊँ मैं मकरन्द
तेरे पूजन अर्चन से
सुबह शुरू हो मेरी
श्रद्धा मन में धार कर
करूँ सुभक्ति तेरी
दिन भर...............
सिमर सिमर तुझे हे प्रभु
बीते मेरा दिन
कर्मशील बन कर रहूँ
काटूँ मैं पलछिन्न
दिन बीते शुभ कर्म में
कर पाऊँ उपकार
किसी प्राणी के लिए प्रभु
हृदय में ना हो रार
मेरे कारण साईं नाथ
दुखी ना कोई होवे
बुरा समय जो आवे तो
मन ना आपा खोवे
करते जगत के कार्य भी
तुझे भजूँ हे ईश
रसना से तव नाम मैं
तजूँ नहीं जगदीश
साँय काल.............
साँय काल के समय में
ध्याऊँ तुझे अभिराम
सँध्या, कीर्तन, भजन में
बीते मेरी शाम
दिन जैसे भी बीता हो
शान्त रहे मेरा मन
बोझिल ना हो आत्मा
ना बोझिल हो तन
रात्रि काल.............
निद्रा का जब समय हो
ध्याऊँ तुझे हे देव
सोते में भीतर चले
साईं नाम सदैव
सपने में साईं नाथ मेरे
मैं शिरडी हो आऊँ
सुषुप्ता अवस्था में प्रभु
दर्शन तेरा पाऊँ
ऐसे तेरा नाम ले
सोऊँ, जागूँ, जीऊँ
साईं तेरे नाम का
अमृत प्याला पीऊँ
~Sai Sewika
जय साईं राम