ओम साईं राम
आ जाओ अब मेरे साईं
आ जाओ अब मेरे साईं
ऐसे आओ तुम
मेरे मन में आन बसो और
फिर ना जाओ तुम
मेरी जैसी चाल देख लो
तुम बिन जो है हाल देख लो
अगर तुम्हें मैं भा जाऊं तो
यहीं बस जाओ तुम
पूजा अर्पण सब को परखो
मन के आंदर झांको निरखो
जो कोई भी मैल ना पाओ
यहीं रस जाओ तुम
कविता पढ लो मेरे मन की
शब्दों से जो छेड छाड की
तुमको अच्छी जो लग जाए
कुछ मुस्काओ तुम
मेरा भक्ती भाव देख लो
साईं मिलन का चाव देख लो
जो इसमें पूरी उतरूं तो
दरस दिखाओ तुम
मेरे तरसे नैना देखो
कटे ना काली रैना देखो
नाथ तार दो अब तो आकर
ना तरसाओ तुम
~Sai Sewika
जय साईं राम