ओम साईं राम
नमो नमो हे परम दयालु
नमो नमो हे देव
शरण लगाकर अपनी स्वामी
रक्षा करो सदैव
नमन करूं मै तन से मन से
निस दिन आठों याम
स्वीकारो हे साईं नाथा
रक्खो अपने धाम
नमन करूं मैं पल पल, क्षण क्षण
श्वास श्वास के साथ
सिमरम की माला के संग संग
नमन तुम्हें हो नाथ
नमन करूं हे परम त्यागी
अंखियन में भर नीर
कभी ना बिसरो भक्तों को तुम
जानो मन की पीर
नमन करूं मैं नख से शिख तक
दस दिश मस्तक टेक
सब भक्तों का एक ही साईं
सबका मालिक एक
नमन करूं मै सोते जगते
हंसते रोते स्वामी
कभी ना बिसरूं वर ये दे दो
साईं अंतरयामी
नमो नमो हे साईंनाथा
नमो नमो हे ईश
शरण लगा लो, दरस दिखा दो
अपना लो जगदीश
~सांई सेविका
जय राम साईं