Monday, August 17, 2009

ॐ साईं राम!!!

साईं तेरे आशिष से
मिला मुझे ये मोती
माँ की आँख का तारा
पिता की आँख की ज्योति~

बाबा प्यारा सा ये फूल
तेरा ही है महाप्रसाद
आँगन में मेरे उपजा कर
तुमने दी है खुशी अगाध~

जो तुमने ये दिया है स्वामी
रक्षा इसकी तुम्ही करो
पालन पोषण शिक्षा दीक्षा
तुम ही सबका ध्यान धरो~

कृपा दृष्टि इस पर डालो
नज़रों से ना दूर करो
कुसंगत से इसे बचाओ
कुकर्मों से दूर करो~

सदगुणी हो तेरा बालक
सीधा हो और सच्चा हो
सुपथगामी, सदविचारी
निष्कपटी हो अच्छा हो~

साईं तेरा ध्यानी हो
भक्त हो और ज्ञानी हो
सबकी आँख का तारा हो
मात पिता का मानी हो~

सुसंस्कृत हो, शिक्षित हो
प्राणीमात्र से प्रेम करे
दुखियों का दर्द समझे और
शुभ कर्मन से कभु ना टरे~

झोली में इसकी खुशियाँ हो
मान हो सम्मान हो
धन धान्य की कमी ना होवे
लेकिन ना अभिमान हो~

इसके जीवन के रस्ते में
साईं कोई ना कंटक हो
तेरी कृपा से दूर हटे
आए कभी जो संकट हो~

बाबा अब क्या और कहूँ
तुम तो सर्व ज्ञाता हो
बालक वह ना ठोकर खाए
जिसकी तुम सी माता हो~

हाथ जोडकर करूँ मैं विनती
साईं हाथ बढाओ तुम
हाथ थाम लो साईं इसका
इसको पार लगाओ तुम~~

~SaiSewika

जय साईं राम!!!
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

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