ॐ साईं राम
ऐसे साईं सिमरिए
रे मन साईं नाम जप
पल पल आठों याम
लगन लगी जो नाम की
तो होगा तव कल्याण
ऐसे साईं सिमरिए
ज्यों नवेली नार
सिमरे प्रियतम प्यारे को
भूल के सब संसार
जैसे गढे खजाने में
रहे कृपण का ध्यान
धर के ऐसे ध्यान तू
सिमर साईं भगवान
ज्यों भूखा सिमरे सदा
भोजन और पकवान
सुरत लगा कर ऐसे ही
सिमरों साईं नाम
पाने को जल बूँद ज्यों
चातक सिमरे मेघ
ऐसे मन में राखिए
साईं नाम का वेग
दूर देश के पुत्र को
जैसे ध्याती माता
मनसा, वाचा, कर्मणा
सिमरो साईं विधाता
चलता चल संसार में
पकड नाम की डोर
लक्ष्य बना ले एक ही
शुभ चरणों की ठौर
~ Sai Sewika
जय साईं राम