ॐ साईं राम
शुक्रिया साईं नाथ
शुक्रिया साईं नाथ तेरा
करूँ मैं बारम्बार
नाम सुनाम भेंट दिया
करने को उद्धार
बुद्धिहीन मैं अति मलिन
तुम सच्ची सरकार
लेकर अपनी शरण में
ढाँपे सभी विकार
मन मेरा था कीच भरा
कमल तुम्हारा नाम
खिला जो चँचल चित्त में
सजा तुम्हारा धाम
जीवन के पथरीले पथ पर
थामी मेरी बाँह
जब जब भूली रास्ता
करी प्रकाशित राह
दिया सहारा भक्ति का
डोलूँ ना चहुँ ओर
डगमग जब विश्वास हुआ तो
खींची मेरी डोर
कभी परखने मन मेरा
फेंका माया जाल
चेतन करके फिर मुझे
खुद ही लिया निकाल
भक्तों की सत्सँगत का
चखवाया सुस्वाद
तेरा लीला गान सुना तो
छूटे सभी विषाद
धन्य धन्य मैं हो गई
पा कर तुम सा नाथ
मुझ सम अधमा को प्रभु
जोडा अपने साथ
धन्यवाद कैसे करूँ
अनगिन तव उपकार
सीमित मेरी लेखनी
लघुतम मैं लाचार
भाव भरा इक नमन ही
दे सकती जगदीश
श्रद्धामय वँदन मेरा
स्वीकारो हे ईश
~SaiSewika
जय साईं राम