ॐ साईं राम!!!
तेरी कायनात में ए मेरे साईं~
मेरा दिल कहीं लगा नहीं~
जो तसल्लियाँ मेरे दिल को दे~
मुझे ऐसा कोई भी मिला नहीं~
भीड़ बहुत देखी मैंने~
कोई अपना सा मुझे लगा नहीं~
गले सब को मिलते देखा~
आँखों में प्यार देखा नहीं~
उदासियां- गिले सब के देखे~
पर शुक्र कहीं भी देखा नहीं~
प्यार जो पाना चाहा मैंने~
उस प्यार का इक पल भी पाया नहीं~~
जय साईं राम!!!
तेरी कायनात में ए मेरे साईं~
मेरा दिल कहीं लगा नहीं~
जो तसल्लियाँ मेरे दिल को दे~
मुझे ऐसा कोई भी मिला नहीं~
भीड़ बहुत देखी मैंने~
कोई अपना सा मुझे लगा नहीं~
गले सब को मिलते देखा~
आँखों में प्यार देखा नहीं~
उदासियां- गिले सब के देखे~
पर शुक्र कहीं भी देखा नहीं~
प्यार जो पाना चाहा मैंने~
उस प्यार का इक पल भी पाया नहीं~~
जय साईं राम!!!