ॐ साईं राम!!!
खुदा { बाबा } को भूल कर ,
खुद ही को मना रहे है ,
खुद के रूप को देख देख कर ,
कितना मान उठा रहे है !!!
भूल गया शायद तूं ,
कि ये रूप है ना जो तेरा ,
वो हर पल घिसता जा रहा है,
जिस पर इतना मान है तुझे ,
वो हर पल मिटता जा रहा है ,
पीछे मुड कर देख ज़रा काल तेरे पीछे आ रहा है ,
उसकी नजर से नहीं बचता कोई,
तूं काहे नज़ारे चुरा रहा है !!
इस दुनिया के रैन बसेरे में ,
इक आया तो इक जा रहा है ,
मना सके तो मना अपने मन को ,
रोक सके तो रोक ले इसको ,
व्यर्थ ही समाया गँवा रहा है ,
बेकार की बातों में ये हीरा जन्म गवां रहा है !!!
जय साईं राम!!!
खुदा { बाबा } को भूल कर ,
खुद ही को मना रहे है ,
खुद के रूप को देख देख कर ,
कितना मान उठा रहे है !!!
भूल गया शायद तूं ,
कि ये रूप है ना जो तेरा ,
वो हर पल घिसता जा रहा है,
जिस पर इतना मान है तुझे ,
वो हर पल मिटता जा रहा है ,
पीछे मुड कर देख ज़रा काल तेरे पीछे आ रहा है ,
उसकी नजर से नहीं बचता कोई,
तूं काहे नज़ारे चुरा रहा है !!
इस दुनिया के रैन बसेरे में ,
इक आया तो इक जा रहा है ,
मना सके तो मना अपने मन को ,
रोक सके तो रोक ले इसको ,
व्यर्थ ही समाया गँवा रहा है ,
बेकार की बातों में ये हीरा जन्म गवां रहा है !!!
जय साईं राम!!!