ॐ साईं राम!!!
हम खुदा से क्यूँ डरे~
फिक्र उसका क्यूँ करे~
क्या उसने हमारा बिगाड़ा है~
अरे दूध सी धुली धुली~
फूल सी खिली खिली ~
प्यार में घुली घुली~
बस, ज़िंदगी पसंद है~
ज़िंदगी दी है उसने~
शुक्र है लाख उसका~
पर डरने या मरने की~
फिर है जरूरत क्या ~
अरे उस खुदा का खौफ क्या~
नहीं देता वो यूँ ही किसी को सज़ा~
वो तो प्यार का भूखा है~
बस...
नहीं रहता वहाँ जहाँ मन रुखा है~~
जय साईं राम!!!
हम खुदा से क्यूँ डरे~
फिक्र उसका क्यूँ करे~
क्या उसने हमारा बिगाड़ा है~
अरे दूध सी धुली धुली~
फूल सी खिली खिली ~
प्यार में घुली घुली~
बस, ज़िंदगी पसंद है~
ज़िंदगी दी है उसने~
शुक्र है लाख उसका~
पर डरने या मरने की~
फिर है जरूरत क्या ~
अरे उस खुदा का खौफ क्या~
नहीं देता वो यूँ ही किसी को सज़ा~
वो तो प्यार का भूखा है~
बस...
नहीं रहता वहाँ जहाँ मन रुखा है~~
जय साईं राम!!!