ॐ सांई राम!!!
मेरे साईं मेरे बाबा ~~~
वो आए रूके कुछ पल , झाका और चल दिए,
मैं दौङी पीछे पकङा हाथ,
और हैरानी से पूछा कहां चल दिए,
वो बोले बङे दुखी मन से ...
अरे पगली
तुने की थी पुकार ति में दौङा चला आया,
पर लगा जब अंदर आने,
तो देखा मैने कि भीङ है लगी हुई,
सभी ने है डेरा जमाया,
मैं बैठू कहां ये बता मुझको,
क्या है तेरे मन में मेरा ठिकाना,
तू जब पुकारें मुझे मैं दौङा चला आता हूँ,
पर तू तो ये भी ना जाने कि है मुझे कहां बिठाना,
इस भीङ को कुछ कम कर,
कर साफ मेरी जगह को,
फिर बुला मुझे फिर देख कभी ना होगा वापस जाना,
मैं हो गई शर्मिदां इस सच को जान कर,
कि मैने की पुकार मेरे बाबा आ भी गए,
पर कभी नहीं सोचा कि है उन्हे कहाँ बिठाना!!!!
जय सांई राम!!!