ॐ साईं राम
तव दर्शन की प्यासी अखियाँ
तव दर्शन की प्यासी अखियाँ
तुम बिन रहे उदासी अखियाँ
सब में ढूँढे तुझको अखियाँ
दुख देती हैं मुझको अखियाँ
राह तकती हैं तेरा अखियाँ
माने कहा ना मेरा अखियाँ
हर आहट पे चौंकें अखियाँ
बह जाती बे मौके अखियाँ
जागे रात रात भर अखियाँ
भर आती हर बात पे अखियाँ
तुझे देख मुस्काती अखियाँ
सब बातें कह जाती अखियाँ
तुझसे जुडी घनेरी अखियाँ
मेरी हैं या तेरी अखियाँ
~Sai Sewika
जय साईं राम