Thursday, October 29, 2009

बाबा जी के भक्त- १ (श्यामा जी )

ॐ साईं राम

बाबा जी के भक्त- १ (श्यामा जी )

माधवराव देशपाँडे जी
शिरडी धाम में रहते थे
बहत्तर जन्मों से साईं सँग थे
ऐसा बाबा कहते थे

बच्चों को शिक्षा देते थे
गुरु धरे साईं राम
सुबह शाम बस साईं जपना
यही प्रिय था काम

बडे प्रेम से बाबा जी ने
उनको श्यामा नाम दिया
भक्ति पथ पर उन्हें बढाने
का बाबा ने काम किया

धर्म ग्रन्थ कभी उनको देकर
बाबा ने कृतार्थ किया
संकट और सुख में भी उनका
साईं नाथ ने साथ दिया

बाबाजी के भक्त प्रिय थे
थोडे गुस्से वाले
लेकिन सब कुछ कर रक्खा था
साईं नाथ के हवाले

बाबा जी से तनिक भी दूरी
उन्हें नहीं भाती थी
बिछड ना जाँए देव, सोच कर
जान चली जाती थी

जैसे शिव मँदिर के बाहर
नन्दी खडे रहते हैं
ऐसे बाबा सँग हैं श्यामा
भक्त यही कहते हैं

दुखियों के कष्टों को श्यामा
बाबा तक पहुँचाते थे
बदले में उन भक्त जनों की
ढेर दुआँऐं पाते थे

श्यामा जी के रोम रोम में
साईं यूँ थे व्याप्
उनकी निद्रा में चलता था
साईं नाम का जाप

धन्य जन्म था श्यामा जी का
बाबा का सँग पाया
गत जन्मों के शुभ कर्मों से
जीव देव सँग आया

युगों युगों तक दिखा ना सुना,
था वो बँधन ऐसा
साईं ईश और श्यामा भक्त
के बीच बना था जैसा

~ Sai Sewika

जय साईं राम

ना सौदा ना व्यापार

ॐ साईं राम

ना सौदा ना व्यापार

ना कोई कौल किया है
ना करार किया है
साईं हमने तुमसे बस
प्यार किया है

ना कोई दावा किया है
ना ही वादा लिया है
साईं तुमसे जुडने का
इरादा किया है

ना कोई शर्त रक्खी है
ना ही माँग रक्खी है
तेरे पैरों तले हे नाथ
दिल और जान रक्खी है

ना मुराद माँगी कोई
ना ही आस लगाई है
बस दिल में तेरे लिए
इक मस्जिद बनाई है

ना कोई रसमें ही निभायी
ना ही कसमें खाई हैं
दिल की मस्जिद में तुझे
बैठाया हे साईं है

ना ही सौदा किया है
ना व्यापार किया है
तुझपे साईं तन मन
ये वार दिया है

~Sai Sewika

जय साईं राम

Friday, October 23, 2009

तव दर्शन की प्यासी अखियाँ

ॐ साईं राम

तव दर्शन की प्यासी अखियाँ

तव दर्शन की प्यासी अखियाँ
तुम बिन रहे उदासी अखियाँ

सब में ढूँढे तुझको अखियाँ
दुख देती हैं मुझको अखियाँ

राह तकती हैं तेरा अखियाँ
माने कहा ना मेरा अखियाँ

हर आहट पे चौंकें अखियाँ
बह जाती बे मौके अखियाँ

जागे रात रात भर अखियाँ
भर आती हर बात पे अखियाँ

तुझे देख मुस्काती अखियाँ
सब बातें कह जाती अखियाँ

तुझसे जुडी घनेरी अखियाँ
मेरी हैं या तेरी अखियाँ

~Sai Sewika

जय साईं राम
ॐ सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

सच है क्या और झूठ है क्या,
ये मैं कुछ भी नहीं जानती,
मेरे कर्म है क्या , और अकर्म है क्या,
मैं कुछ भी नहीं पहचानती,
पाप है क्या और पुन्य है क्या,
मैं ये भी नहीं जानती,
जो दिल कहता वो मैं करती,
बस दिल का कहाँ मैं मानती,
कल क्या होगा किसने दिखा,
जो बीत गया वो बिसरा लेखा,
आज है जो वही सच है बस,
इसी को सच मैं मानती,
तूने सच दिखलाया मुझको,
मैं कुछ नहीं थी जानती,
यही कारण है ओ मेरे सांई-
जो तुझे ही अपना सर्वाधार मैं मानती~~~

jyot jyot jyot jyot jyot jyot jyot

जय सांई राम!!!

BABA & Me~~~

Om Sai Ram!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

BABA & Me~~~

बाबा तुम हवा मैं सांस,
बाबा , मैं निआसरा ,तुम मेरी आस,
बाबा तुम रास्ता मैं राही,
बाबा तुम पानी , मैं प्यास,
बाबा तुम रोटी , मैं भूख,
बाबा तुम फूल मैं कान्टा,
बाबा तुम सुख के हो सागर,
और मैं दुःख,
बाबा तुम निर्मल , कोमल, सुंदर, सुशील,
मैं मैली,कुरूप,गंदी,
बाबा तुम ज्ञान का हो सागर,
मैं खाली हूँ गागर,
बाबा, मैं बाङ तुम लहर,
बाबा,मैं काला बादल तूं बारिश,
बाबा, तुम पूर्णिमा, मैं अमाव्सया,
बाबा, मैं रात काली, तुम सहर,
बाबा तुम शाम ठंडी, मैं तपती दोपहर,
बाबा, मैं पतझङ ,तुम सावन,
तुम शीतल चँद,मैं तपता सूरज,
बाबा तुम राम, मैं रावण,
बाबा, मैं लोहे जैसी सख्त,तुम सोने से नरम,
बाबा तुम झरना हो शीतल से, और मैं आग जैसी गरम,
बाबा तुम हीरा, तुम मोती, मैं रोङा, मैं पत्थर,
बाबा तुम डाली हो नरम सी, मैं तना बङा सख्त,
मैं खाली हूँ गागर,
बाबा, मैं बाङ तुम लहर,
बाबा मैं पतझङ , तुम हो सावन,
बाबा तुम राम, मैं रावण~~~



BABA You are air & me breathing,
BABA, I am helpless & you are the help,
BABA You are way & me a visitor ,
BABA You are water & me a thirst,
BABA You are diet & me hunger,
BABA You are flower & me a thorn,
BABA You are the ocean of joy,
& me a misery,
BABA You are pure, soft , beautiful & sensible,
& me impure , ugly & dirty,
BABA You are the knowledge of truth,
& me an empty pot,
BABA, me a flood & You are wave,
BABA, I am black cloud & You are rain)
BABA You are full bright moon & me smallest dark moon,
BABA ,I am dark night & You are bright morning,
BABA You are cool evening & me a hot noon,
BABA , me bad weather & You are Spring,
BABA You are cool moon & me burning sun,
BABA You are good soul & me a bad one,
BABA, I am a hard steel & You are soft pure gold,
BABA You are pure water fall & me burning fire,
BAAB You are a diamond, a jewel & me a stone, a rock,
BABA You are a soft branch & me very hard,
BABA , me an empty pot,
BABA me flood & You are a wave,
BABA ,I am a bad weather & You are Spring season,
BABA You are good soul & me a bad one~~

जय सांई राम!!!

ये कौन चमत्कार है ?? Who is this Creator ?

Om Sai Ram!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ये कौन चमत्कार है ??
Who is this Creator ?

ये कौन चमत्कार है , ये कौन चमत्कार ??
जिसने बनाये है पहाङ और बनायी है चोटियां,
उसके बनाये चित्र कल्पना के पार है,
ये कौन चमत्कार है , ये कौन चमत्कार ??

Who is this Creator, who is this anyway?
Who has created Hills & Peaks?
He has made this world beyond imagination & expectation,
Who is this Creator, who is this?

यहां बाग है हरे भरे-वसुंधरा के साथ सटे,
उसने बनाये फूल कांटों के साथ खङे है,
ये कौन चमत्कार है , ये कौन चमत्कार ??

Here the gardens are green & full of beauty & flowers,
He has created Flowers along with thorns,
Who is this Creator, who is this?

यहां पेङ है बङे-बङे,सत्म्भ से खङे-खङे,
कि आसमान पर सितारों चाँद का श्रंगार है,
समुन्दर है भरे पढे बादलों की छावं से,
कि जिसमें झलकता आकाश बार-बार है,
ये कौन चमत्कार है , ये कौन चमत्कार ??

He created v big & tall trees which are standing like pillars,
That the Sky decorated with Stars & Moon,
Seas are filled with pure water & are covered with the shadows of the Clouds,
& the Sky is looking from with in the Clouds,
Who is this Creator, who is this?

Jai Sai Ram!!!

Thursday, October 15, 2009

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

मैंने कहा फूलों से
मैंने कहा आँगन के...
फूलों से हँसो तो वो खिलखिला के हँस दिये
और ये कहा जीवन है भाई मेरे भाई हँसने के लिये

सूरज हँसा तो बिखर बिखर गईं किरनें
सूरज हँसा रे किरन किरन चुन कर धरती ये
सज के सुनहरी बन गई रे
मैंने कहा आँगन के...
ओ मैंने कहा सपनों से सजो तो वो मुस्कुरा के सज गये
और ये कहा जीवन है भाई मेरे भाई सजने के लिये
सजने के लिये

मौसम मिला वो कहीं एक दिन मुझको
मौसम मिला रे मैंने कहा रुको खेलो मेरे संग तुम
मौसम भला रुका जो वो हो गया गुम
मैंने कहा आँगन के....
ओ मैंने कहा अपनों से चलो तो वो साथ मेरे चल दिये
और ये कहा जीवन है भाई मेरे भाई चलने के लिये
चलने के लिये
मैंने कहा
आँगन के...
फूलों से हँसो तो वो खिलखिला कर हँस दिये





Sai आँगन mei...
कैसी है ये रुत के जिस में फूल बनके दिल खिले
घुल रहे हैं रंग सारे घुल रही हैं ख़ःउशबूएं
चाँदनी झरने घटायें गीत बारिश तितलियाँ
हम पे हो गये हैं सब मेहरबान

Sai आँगन mei...
देखो नदी के किनारे पंछी पुकारे किसी पंछी को
देखो ये जो नदी है मिलने चली है सागर ही को
ये प्यार का ही साअरा है कारवान

कसी है ये रुत के ...Sai आँगन mei...

हो, कैसे किसी को बतायें कैसे ये समझायें क्या प्यार है
इस में बंधन नहीं है और ना कोई भी दीवार है
सुनो प्यार की निराली है दास्ताँ

कैसी है ये रुत ...Sai आँगन mei...





~Sai Preet

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

साईं राम

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

साईं के सुंदर आँगन की
प्रथम सालगिरह आई
इस पावन पुनीत वेला की
सब भक्तों को बहुत बधाई

साईं नाथ का नाम लिए यहाँ
हर दिन सूरज उगता है
दिल ढलने पर वो ही सूरज
मस्तक टेके झुकता है

श्री साईं का लीला गान
यहाँ पे चलता रहता है
साईं नाम का निर्मल झरना
यहीं कहीं पे बहता है

कभी कोई शुकराना, कोई
क्षमा याचना करता है
कभी कोई श्रद्धा के फूल
श्री चरणों में धरता है

साई के दीवाने आ यहाँ
दिल की बातें करते हैं
भक्ति की अगली सीढी पर
साईं नाम ले चढते हैं

हर दिन यहाँ "साईं दिवस" है
"साईं सन्ध्या" हर शाम है
कण कण में यहाँ रचा बसा सा
साईं नाथ का नाम है

साईं का आँगन ये प्यारा
सजा रहे, फूले फले
निर्भय, निशचित भक्त रहें
साईं के आँचल तले

~Sai Sewika

जय साईं राम

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

ॐ साईं राम

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

एक बरस हो गया
साईं का आँगन सजा
आँगन में फहरा रही
साईं नाम की ध्वजा

साईं की ममता तले
भक्तों के पुण्य फले
एक मालिक की डगर पे
कई कदम बढ चले

हाथों में थामें हुए
साई नाम की मशाल
दूर करने को अँधेरा
आ गए साईं के लाल

भीड भक्तों की जुडी
जुड के सत्सँगत बनी
शुद्धत्तम हर आत्मा
साईं के रंग में रंगी

साईं का आँगन मिला
जैसे साईं मिल गए
पडी फुहार नाम की तो
भक्ति के गुल खिल गए

साईं के आँगन को बाबा
आशिष अपना दीजिए
बना रहे युगों युगों तक
श्री अनुकम्पा कीजिए

~Sai Sewika

जय साईं राम

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

Om Sai Ram!!!

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Anniversary Week~~~

आओ सांई के गुण गायें.
उस पर अपना ध्यान लगायें,
आओ सांई के इस आँगन को महकाएं~~

जिस से जगमग है जग सारा,
वही ज्योति आंखों में लायें,
आओ सांई के इस आँगन को महकाएं~~

जिस बगिया में सुगन्ध उस की,
फूल वहीं से चुनकर लायें,
आओ सांई के इस आँगन को महकाएं~~

सत्य नदी वह सबसे गहरी,
उस की धारा में बह जायें,
आओ सांई के इस आँगन को महकाएं~~

जो सुख, दुख देता जीवन में,
उस से शान्ति निरन्तर पायें,
आओ सांई के इस आँगन को महकाएं~~

jyot jyot jyot jyot jyot jyot jyot jyot jyot jyot



Jai Sai Ram!!!

Wednesday, October 14, 2009

बस इतनी सी अरज है

ॐ साईं राम

बस इतनी सी अरज है

यहाँ रहूँ या वहाँ रहूँ
जहाँ में चाहे जहां रहूँ

तझसे ही बस प्रेम करूँ
तेरा ही बस ध्यान धरूँ

तुझमें ये मन रमा रहे
नाम मनन का समा रहे

तेरी चर्चा में सुख पाऊँ
हर क्षण तुझको सन्मुख पाऊँ

नयनों में तव रूप भरा हो
तुझमें श्रद्धा भाव खरा हो

कोई ऐसा साँस ना आवे
संग जो तेरा नाम ना ध्यावे

नाम तेरा ले सोऊँ जागूँ
तुझसे बस तुझको ही माँगूं

तुझमें ही तल्लीन रहूँ मैं
तेरे भाव में लीन रहूँ मैं

चढ जाए मुझपे नाम खुमारी
मर जाए भीतर का संसारी

ठोको पीटो जैसे मुझको
स्व साँचे में ढालो मुझको

बस इतनी सी अरज है मेरी
तुझसे जुडना गरज है मेरी

~SaiSewika

जय साईं राम

Saturday, October 10, 2009

सांई तेरी आँखें~~~

ॐ सांई राम!!!

सांई तेरी आँखें~~~

जब जब देखूं मैं तेरी आँखों में सांई,
लगता है ये कुछ तो बोल रही है,
मेरी आँखों की नमी तेरी आँखों मैं सांई,
लगता है राज़ ये कुछ तो खोल रही है~

सांई तुझसे एक मुलाकात पर लुटा दूँ,
मैं सारी दुनिया की दौलतें,
पर ये भी तो सच है मेरे सांई,
इस मुलाकात तो कोई मोल नहीं है,
मेरी आँखों की नमी............

जब भी सांई मैने तुझे है पुकारा,
तेरी प्रीत ने दिया है हर मोङ पर सहारा,
मेरी प्रीत को शायद लगता है सांई,
अब तेरी प्रीत भी तोल रहे है,
मेरी आँखों की नमी............

सहना पङा है तुझ को भी मेरी,
खातिर बहुत कुछ सांई,
ना छुपा पाया तूँ भी कुछ मुझ से सांई,
तेरी आँखें हर पोल खोल रही है,
मेरी आँखों की नमी............

रंग गया है लगता है तूँ भी सांई,
प्रीत क कुछ अज़ब ही रंग है,
रंग ले मुझको भी इस रंग में सांई,
तेरी "सुधा" कब से ये रंग घोल रही है~~~

~सांईसुधा

SAI SUDHA {Poems in Hindi}

जय सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ साईं राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

लोग कहेगें पागल हूँ मैं तो हो गई हूँ दीवानी,
पर मेरे दिल की प्यास किसी ने न जानी,
लोग क्या जाने दीदार की तङप,
जिसे हो वही जाने ये दर्द,
हर किसी में तुझे ढूढ़ती फिरूं,
तेरी एक झलक को तरसती फिरूं,
साईं,एक कर्म कीजिए,रोज़ का झंझट खत्म कीजिए,
मेरे नैनों में बस जाइऐ,या फिर मुझे खाक बना दीजिए,
अपने चरणों के नीचे बिछा लीजिए,इस जीने से अलग कीजिए,
यह तङप अब सही न जाए,ये दर्द बढता ही जाए,
कीजिए दया अब , मेरे साईं मेरे बाबा , मेरे नैनों में बस जाइऐ~~~

जय साईं राम!!!

Thursday, October 8, 2009

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

ॐ सांई राम!!!

मेरे साईं मेरे बाबा ~~~

वो आए रूके कुछ पल , झाका और चल दिए,
मैं दौङी पीछे पकङा हाथ,
और हैरानी से पूछा कहां चल दिए,
वो बोले बङे दुखी मन से ...
अरे पगली
तुने की थी पुकार ति में दौङा चला आया,
पर लगा जब अंदर आने,
तो देखा मैने कि भीङ है लगी हुई,
सभी ने है डेरा जमाया,
मैं बैठू कहां ये बता मुझको,
क्या है तेरे मन में मेरा ठिकाना,
तू जब पुकारें मुझे मैं दौङा चला आता हूँ,
पर तू तो ये भी ना जाने कि है मुझे कहां बिठाना,
इस भीङ को कुछ कम कर,
कर साफ मेरी जगह को,
फिर बुला मुझे फिर देख कभी ना होगा वापस जाना,
मैं हो गई शर्मिदां इस सच को जान कर,
कि मैने की पुकार मेरे बाबा आ भी गए,
पर कभी नहीं सोचा कि है उन्हे कहाँ बिठाना!!!!

जय सांई राम!!!

साईं नाम चालीसा

ॐ साईं राम

साईं नाम चालीसा

दो अक्षर से मिल बना
साईं नाम इक प्यारा
लिखते जाओ मिट जाएगा
जीवन का अँधियारा


ॐ साईं राम है
महामंत्र बलवान
इस मंत्र के जाप से
साईं राम को जान


ॐ साईं राम कह
ॐ साईं राम सुन
साईं नाम की छेड ले
भीतर मधुर मधुर सी धुन


जागो तो साईं राम कहो
जो भी सन्मुख आए
साईं साईं ध्याये जो
सो साईं को पाए


साईं नाम की माला फेरूँ
साईं के गुण गाऊँ
यहाँ वहाँ या जहाँ रहूँ
साईं को ही ध्याऊँ


साईं नाम सुनाम की
जोत जगी अखँड
नित्य जाप का घी पडे
होगी कभी ना मन्द


भक्ति भाव की कलम है
श्रद्धा की है स्याही
साईं नाम सम अति सुंदर
जग में दूजा नाहीं


साईं साईं साईं साईं
लिख लो मन में ध्यालो
साईॅ नाम अमोलक धन
पाओ और संभालो


साईं नाम सुनाम है
अति मधुर सुखदायी
साईं साईं के जाप से
रीझे सर्व सहाई


सिमर सिमर मनवा सिमर
साईंनाथ का नाम
बिगडी बातें बन जाऐंगी
पूरण होंगे काम


बिन हड्डी की जिव्हा मरी
यहां वहां चल जाए
साईं नाम गुण डाल दो
रसना में रस आए


सबसे सहज सुयोग है
साईं नाम धन दान
देकर प्रभू जी ने किया
भक्तों का कल्याण


घट के मंदिर में जले
साईं नाम की जोत
करे प्रकाशित आत्मा
हर के सारे खोट


साईं नाम का बैंक है
इसमें खाता खोल
हाथ से साईं लिखता जा
मुख से साईं बोल


साईं नाम की बही लिखी
कटे कर्म के बन्ध
अजपा जाप चला जो अन्दर
पाप अग्नि हुई मन्द


साईं नाम का जाप है
सर्व सुखों की खान
नाम जपे, सुरति लगे
मिटे सभी अज्ञान


मूल्यवान जिव्हा बडी
बैठी बँद कपाट
बैठे बैठे नाम जपे
अजब अनोखे ठाठ


मुख में साईं का नाम हो
हाथ साईं का काम
साईं महिमा कान सुने
पाँव चले साईं धाम


साईं नाम कस्तूरी है
करे सुवासित आत्म
गिरह बँधा जो नाम तो
मिल जाए परमात्म


साईं नाम का रोकडा
जिसकी गाँठ में होए
चोरी का तो डर नहीं
सुख की निद्रा सोए

साईं नाम सुनाम का
गूँजे अनहद नाद
सकल शरीर स्पंदित हो
उमडे प्रेम अगाध

मन रे साईं साईं ही बोल
मन मँदिर के पट ले खोल
मधुर नाम रस पान अमोलक
कानों में रस देता घोल

श्री चरणों में बैठ कर
जपूँ साईं का नाम
मग्न रहूँ तव ध्यान में
भूलूँ जाग के काम

साईं साईं साईं जपूँ
छेड सुरीली तान
रसना बने रसिक तेरी
करे साईं गुणगान

साईं नाम शीतल तरू
ठँडी इसकी छाँव
आन तले बैठो यहीं
यहीं बसाओ गाँव

साईं नाम जहाज है
दरिया है सँसार
भक्ति भव ले चढ जाओ
सहज लगोगे पार

साईं नाम को बोल कर
करूँ तेरा जयघोष
रीझे राज धिराज तो
भरें दीन के कोष

बरसे बँजर जीवन में
साईं नाम का मेघ
तन मन भीगे नाम में
बढे प्रेम का वेग

उजली चादर नाम की
ओढूँ सिर से पैर
मैं भी उजली हो गई
तज के मन के वैर

सिमरन साईं नाम का
करो प्रेम के साथ
धृति धारणा धार कर
पकड साईं का हाथ

साईं नाम रस पान का
अजब अनोखा स्वाद
उन्मत्त मन भी रम गया
छूटे सभी विषाद

साईं नाम रस की नदी
कल कल बहती जाए
मलयुत्त मैला मन मेरा
निर्मल करती जाए

साईं नाम महामँत्र है
जप लो आठो याम
सकल मनोरथ सिद्ध हों
लगे नहीं कुछ दाम

साईं नाम सुयोग है
जो कोई इसको पावे
कटे चौरासी सहज ही
भवसागर तर जावे

पारस साईं नाम का
कर दे चोखा सोना
साईं नाम से दमक उठे
मन का कोना कोना

साईं नाम गुणगान से
बढे भक्ति का भाव
श्रद्धा सबुरी सुलभ हो
चढे मिलन का चाव

मनवा साईं साईं कह
बनके मस्त मलँग
साईं नाम की लहक रही
अन्तस बसी उमँग

सरस सुरीला गीत है
साईं राम का नाम
तन मँदिर सा हो गया
मन मँगलमय धाम

पू्र्ण भक्ति और प्रेम से
जपूँ साईं का नाम
श्री चरणों में गति मिले
पाऊँ चिर विश्राम

~Sai Sewika

जय साईं राम

Saturday, October 3, 2009

कैसे साईं कैसे

ॐ साईं राम

कैसे साईं कैसे

कैसे प्यार तुम्हारा पाऊँ
कैसे पास तुम्हारे आऊँ

कैसे साईं कैसे

कैसे नयन की प्यास बुझाऊँ
कैसे साईं तुझे रिझाऊँ

कैसे साईं कैसे

कैसे श्रद्धा रक्खूँ पूरी
कैसे धारण करूँ सबूरी

कैसे साईं कैसे

कैसे भक्ति कर लूँ सच्ची
कैसे पाऊँ शिक्षा अच्छी

कैसे साईं कैसे

कैसे बेडा होगा पार
कैसे खुलेंगे मोक्ष के द्वार

कैसे साईं कैसे

साईं भेद ये सारे खोलो
श्री मुख से कुछ वचन तो बोलो

कोई मार्ग सुझाओ साईं
भक्त प्रेम की तुम्हें दुहाई

दुविधा खडी बडी है भारी
सुलझाओ हे साईं मुरारी

इनका उत्तर मुझको दे दो
ईश मिलन के मर्म को भेदो

~Sai Sewika

जय साईं राम

Friday, October 2, 2009

साईं-का-आंगन ~~

ॐ साईं राम

Sai♥Ka♥Aangan~Celebrating Its First Saimayi Happy Birthday!~15 Oct '09 Thurs

साईं के भक्तों ने मिलकर
आंगन एक सजाया
बाबा की मूरत को लाकर
इसमें आन बैठाया

भक्ती और भावों की ईंटें
जोडी और जमा लीं
श्रद्धा और सबूरी की
सुदृढ नींव बना ली

नित नित नाम जाप का दीपक
इसमें आन जलाया
साईं के दीवानों ने
जो मांगा सो पाया

सजा रहे ये मंदिर प्यारा
युगों युगों तक दाता
हर मानव का जुड जाए तुमसे
जनम जनम का नाता

हाथ जोड कर विनती करती
हे साईं अभिराम
इस आंगन में सदा विराजो
भक्ती का दो दान

~Saisewika

जय साईं
राम

Thursday, October 1, 2009

आओ उनसे मिल आएं~~~

Om Sai Ram!!!

The International Day of the Elderly~~~

आओ उनसे मिल आएं~~~



आओ अपनी ज़िन्दगी से कुछ वक्त निकाल कर,
वृद्ध आश्रम और अनाथालय की और जाएं।

वहां रहते बूढ़े माँ-बाप और अनाथ बच्चों संग,
आओ कुछ वक्त बिताएं।

उनके अपने न उनसे चाहे मिलने आएं,
आओ हम उनसे मिल कर आएं।

उनकी आंखों के आँसुओं को पोंछ कर,
आओ उनको हम गले लगाएं।

जो भूल चुके है हंसना,
आओ उनको फिर हंसा कर के आएं।

जो भूल चुके है ज़िन्दगी जीना,
आओ उनको फिर से जीना सिखाएं।

जो अपनों की कमी को करते है महसूस,
आओ उनकी उस कमी को मिटाएं।

खुद तो हम बहुत घूमते है,
आओ उनको भी साथ कहीं घुमा कर लाएं।

अकेलेपन में जो जी रहे है,
आओ उनको थोङा साथ दे आएं।

वक्त निकाल कर अपनी ज़िन्दगी से,
चलों आओ उनसे मिल आएं!!!

~Tejal & Tana

Jai Sai Ram!!!
OM SRI SAI NATHAYA NAMAH. Dear Visitor, Please Join our Forum and be a part of Sai Family to share your experiences & Sai Leelas with the whole world. JAI SAI RAM

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