ॐ सांई राम!!!
SAI SUDHA {Poems in Hindi}
तेरी रहमत~~~
सांई मुझे भी तेरी रहमत के काबिल बना,
नहीं है कुछ भी मुझमें फिर भी तेरे,
प्यार का हासिल बना~
ना मैने की किसी पर भी दया,
ना मैने दी किसी को भी माया,
ना मैने किया किसी पर भी उपकार,
ना मैने किया किसी का भी सत्कार,
सांई अब इतना भी तूँ ना मुझे जाहिल बना...
चङती ही जा रही था सफलता की ऊचाईयाँ,
ना देख सका मैं कि पार करनी पङी थी कितनी खाईयाँ,
देखा पलट कर तो थी बस तन्हाईयाँ ही तन्हाईयाँ,
अपनों की और गैरों की थी बस रूसवाईयाँ,
सांई अब इतना भी तूँ ना खुद का कातिल बना...
बढ़ता ही जा रहा है अब तो खुद से भी फासला,
सांई तेरा नाम ही दे सकता है मुझ को हौसला,
खुद को भी ना भुला दूँ मैं कहीं,
गुमनामियों में ना खुद को सुला दूँ मैं कहीं,
सांई अब तूँ ही इस दिल में अपनी महफिल बना...
नहीं है.........................................
~सांईसुधा
जय सांई राम!!!