ॐ सांई राम!!!
पुन्य हुए है उदय मेरे , मिले आप जो मुझे
साथ रहेंगे सदा मेरे , है भरोसा ये मुझे ,
मेरे अंदर बाहर क्या है जानते है आप सब ...
क्या फिर भी साथी मानते है आप अब?
मैं योग्य नहीं आप के ये मुझको भी पता है ,
लेकिन पारस से मिल कर लोहा सोना हुआ है ,
आप का ये जो प्यार है वो मेरे लिए उपकार है...
इस सांई कृपा के लिए ...
मेरा रोम रोम शुक्रगुज़ार है !!!
जय सांई राम!!!