ॐ सांई राम!!!
स्वर्ग की सीड़ी~~~
मेरी और आकर तो देख , ध्यान ना दूँ तो कहना ।
मेरे मार्ग पर पग बढ़ाकर तो देख , सब मार्ग ना खोलूँ तो कहना ।
मेरे लिए कुछ बन कर तो देख , तेरा मूल्य न करवाऊँ तो कहना ।
मेरे लिए कङवे वचन सुन कर तो देख , अपार क्रपा ना करुँ तो कहना ।
मेरे लिए व्यय कर के तो देख , भलाई के भण्डार ना खोलूँ तो कहना ।
मेरी स्रष्टि में मनन कर के तो देख, ञान के मोती न भरूँ तो कहना ।
मेरे लिए आँसू बहा कर के तो देख , तेरे अन्दर प्यार का सागर न भरूँ तो कहना ।
मेरे मार्ग पर निकल कर तो देख , तेरा मार्ग शांति वाला न बनाऊँ तो कहना ।
मेरे नाम की महिमा करके तो देख , अटूट कृपा न करूँ तो कहना ।
तू स्वयं को न्यौछावर करके तो देख , तेरा नाम यादगार न बनाऊँ तो कहना ।
तू मेरा बन कर तो देख , हर एक को तेरा न बनाऊँ तो कहना~~~
~~~प्रीत लगी तोहे नाम की , मोहे मिलो तो सांई~~~
जय सांई राम!!!