ॐ सांई राम!!!
वो तुम ही तो हो मेरे सांई~~~
वो जो साया बनकर मेरे साथ रहा,
वो जो काया बनकर मुझ में ढला,
वो जो छाया बनकर मुझ में पला,
वो जो माया बनकर मुझ को मिला,
वो तुम ही तो हो मेरे सांई~~~
वो जो ज्ञानी होकर अज्ञानी सा रहा,
वो जो दानी होकर निर्धन सा रहा,
वो जो अंधेरों में दीपक सा जला,
वो जो सिखा गया हमको जीने की कला,
वो तुम ही तो हो मेरे सांई~~~
वो जो तोङ गया बङे-बङों का अभिमान,
वो जो निभाता रहा अपने वचनों का मान,
वो जो देगया कितनों को जीवन दान,
वो जो करता रहा सबका ही कल्याण,
वो तुम ही तो हो मेरे सांई~~~
वो जो बस गया दिलों में धङकन की तरह,
वो जो मिला सबको किसी वरदान की तरह,
वो जो दिखता रहा सबको सपनों की तरह,
वो जो परायों में रहा अपनों की तरह,
वो तुम ही तो हो मेरे सांई~~~
~सांईसुधा
जय सांई राम!!!