ॐ सांई राम!!!
लिख लिख के खत ,
हम फाङे जाते है,
हाले दिल नहीं,
कागज़ पर उतार पाते है,
जब लिखना शुरू करते है,
तो कोई शब्द नहीं मिलता,
जब लिखना छोङते है,
तो कलम रखते ही,
दिल में ढेरों गुबार पाते है,
दिल में भरी हर बात को,
सांई से ही शुरू और सांई से ही खत्म पाते है~~~
जय सांई राम!!!