ॐ सांई राम!!!
मेरी पहचान~~~
आऊं गी जब मैं तुमसे मिलने सांई,
पहचान मुझे तुम लेना,
ये मेरी "सुधा" है ऐसा,
कहकर मेरा परिचय देना...
कीचङ में रंगी होगी मेरी ये काया,
पापों में होगा जीवन मैनें बिताया,
अपने पावन चरण कमल के जल से,
तुम मुझ को धो लेना,
ये मेरी "सुधा" है ऐसा,.....................
सफर में होती रही मिलन और जुदाई,
मोङ बहुत थे मैने ठोकर भी खाई,
तेरा नाम ले ले कर हर सुख-दुख
था मुझको सहना,
ये मेरी "सुधा" है ऐसा,.............
चरणों में तेरे मैं मस्तक रख लूंगी,
जन्मों से बिछङी हूँ ऐसे तेरे गले लगूं गी,
सांई ऐसा करने से इन्कार न तुम
मुझको कर देना,
ये मेरी "सुधा" है ऐसा,.............
पाक तुझको एहसास जो होगा,
मेरा कर्म फिर भी मेरे साथ तो होगा,
जैसी भी हूँ फिर भी मुझको
तुम अपना लेना,
ये मेरी "सुधा" है ऐसा,.............
अभी तो सब से हूँ अंजान मैं सांई,
तेरी कृपा से हो जाएगी सब से पहचान भी सांई,
अपने भक्तों में मुझे भी
तुम शामिल कर लेना,
ये मेरी "सुधा" है ऐसा,.............
~सांईसुधा
जय सांई राम!!!