ॐ सांई राम!!!
राह पे लाया सांई~~~
राह पे लाया है तो मंज़िल भी दिखाना सांई,
कश्ती में बिठाया है तो साहिल भी दिखाना सांई~
पतझङ हो या बहार सब तेरी ही कृपा है,
बाग लगाया है तो काटों से भी बचाना सांई~
अंधेरे हो या उजाले क्या फर्क पङता है,
दीप दिल में तेरे प्यार का ही जलाना सांई~
वक्त लगेगा सांई जन्मों के पाप है,
अभी तो गिर गिर के ही मुझको संभलना है सांई~
मज़बूरियां इतनी न बङा सांई कि दर्द बन जाए,
मुश्किल हो जाए जिनकी दवा फिर ढूढना सांई~
तेरी यादों को सीने से लगाएं बैठे है सांई,
फिर भी कहता है अभी और तुझको है आजमाना सांई~
मोहब्बत की है तुझसे कोई गुनाह नहीं सांई,
होगा मुश्किल तुझे भी कोई हम सा ढूढ पाना सांई~
हर घङी हर पल तूँ साथ रहता है सांई,
मुश्किल इस अहसास को लफ्ज़ों में बताना है सांई~
बनेगी बिगङी सब की ये वो दर है सांई,
आसान नहीं तेरे जैसा मसीहा ढूढ पाना मेरे सांई~
~सांईसुधा
जय सांई राम!!!