ॐ सांई राम~~~
जहाँ जहाँ सांई का स्थल है,
वहाँ वहाँ मैं जाऊँ,
सांई का सतसंग मैं करूँ,
सब को भजन सुनाऊं,
सांई राम जय जय सांई राम,
रोम रोम में सांई बसाऊं,
अंग अंग में सांई नाम,
सभी भक्तों के मन से,
मिट जाए सब तृष्णा,
सब चाहे और मैं भी चाहूं,
जीवन सफल बनाऊं~~~
जय सांई राम~~~