ॐ सांई राम!!!
सांई मेरी ज़िन्दगी~~~
सांई अगर तुझ को अपनी ज़िन्दगी बनाया न होता,
दुनिया की हर खुशी को हमने यूँ ही गवायां न होता~
न मैं तुझे भुलाऊं न तूँ मुझे भूले सांई,
काश, कुछ देर ओर तूने मुझे रूलाया होता~
हर सितम मंज़ूर है तेरा मुझको सांई,
काश, कुछ ओर देर तूने हमें सताया होता~
तुझसे मिलने की तम्मना में जी रही हूँ सांई,
काश, वक्त ऐसा कभी तो आया होता~
थक चुकी है ये नज़रें तेरे इंतज़ार में सांई,
काश, ये सपना कुछ देर ओर पलकों पे सज़ाया होता~
रूठे अगर तूँ तो मनाऊं गी हज़ार बार तुझे सांई,
काश, तूने भी कभी तो मनाया होता~
~सांईसुधा
जय सांई राम!!!