ॐ सांई राम!!!
छू लूं तेरे चरण सांई~~~
छू लूंगी मैं तेरे तेरे चरण सांई,आयेगा तो कभी ऐस मौका,
अब आयेगा,अब अयेगा,देगा कब तक मुझको तूँ धोखा~
कुछ पल दे दे मुझे भी सांई,ज़िन्दगी बहुत थोङी है,
भटक रही थी मैं कई जन्मों से,राह कुछ तो दिखी सी है,
खो न जाऊं भीङ बहुत है,और ज़िन्दगी है तेज़ हवा का झोका,
अब आयेगा..........
तुझसे मुझे कुछ आस भी है सांई,तुझ पर श्रद्धा और विश्वासा भी है सांई,
अब तो बता दे चाहता मुझसे ऐसा क्या कुछ खास है सांई
डूबो दे या पार लगा दे अब सौप दे तुझको जीवन नौका,
अब आयेगा............
बङी कठिन है राह मिलन की सांई,पर मुझको तो मंज़िल पानी है सांई,
तूँ मेरा सांई मैं हूँ तेरी दासी सांई,कहानी वही पुरानी है,
अपने मन की मैल को सांई मैने बार-बार है पौछा,
अब आयेगा............
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!