Om Sai Ram!!!
एक दिन चलते चलते
मन नें विचार आया
कि हमने ये अमूल्य जीवन है पाया
दिन खोकर,रात सोकर
क्यों व्यर्थ गवाया
अपना भविष्य क्यों न बनाया
कितना धन समय नष्ट किया
क्या-क्या खाया,क्या-क्या पिया
कितना पाप-पुण्य किया
किसको पैसा दिया
किससे पैसा लिया
कब तक माता-पिता का खाएगा
क्या-क्या झुठ बोलता जाएगा
क्या मालूम था उनका कहां
एक दिन याद आएगा
भीते हुए पर पछताए गा
दीवारों से लग-लग कर रोएगा
लख चौरासी योनिया काट
देह बंदे की पापी
यह बात किसी ने बताई
जो कल था आज नहीं होगा
चलो जो हुआ सो हुआ
अब भी संभल जाए कोई
मंगल काम किया जाए कोई
ताकि कल को दुनिया यश गाए
क्यों न कुछ लिख जाएं
प्रभु की कृपा से
साईं राम साईं राम गाए
झूम -झूम साईं मय हो जाए
कोई भला काम कर जाए
कभी किसी का मन न दुखाएं
दुनिया में कुछ ऐसा कर जाए
साईं के चरणों में जाकर हम मुक्ति पा जाए~~~
Jai Sai Ram!!!