ॐ सांई राम~~~
मुझमे इतनी शक्ति नहीं,कि मीरा सी बन जाऊं,
यही अरदास है बस प्रभु मेरे,तेरे दासों की दास कहलाऊं,
उन्ही की सेवा करूं रात दिन,और नहीं कुछ चाहूं,
उन्ही के द्वारे पङी रहूं मै,उन्ही का दिया खाऊं,
वो जब भजन करे तेरा तो,मैं भी मौज उङाऊं,
सब कहते तूं भक्तों(दासों)का दास,मैं भी उन दासों की दास,
तेरा मेरा अनोखा रिश्ता,तूं भी दास,मैं भी दास~~~
जय सांई राम~~~