ॐ सांई राम!!!
ज़रूरी तो नहीं सांई~~~
तुझ से मिलने के लिये मेरे सांई,
तेरे दर पे आना ज़रूरी तो नहीं,
तूँ जानता है सब के दिल की मेरे सांई,
लफज़ों में तुझे बताना जरूरी तो नहीं !!
हिल नहीं सकता एक पत्ता भी तेरी
रज़ा के बगैर मेरे सांई,
अपने बंदो को मगर यह अहसास
दिलाना जरूरी तो नहीं !!
माना कि तेरे चाहने वाले बहुत
है इस दुनिया में मेरे सांई,
मगर हम को इस कदर आज़माना
तेरी मजबूरी तो नहीं!!
तूँ तो पास है मेरे सांई
बहुत पास है मेरे,
मगर तुझ को मैं छूँ ना पाऊँ
ऐसी भी दूरी तो नहीं!!
खुद ही आके मिल जा मेरे सांई
मुझे पास नहीं बुलाना है अगर,
ये तेरी मज़बूरी है मेरे सांई
मेरी कोई मज़बूरी तो नही!!!
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!