ॐ सांई राम~~~
काश, इक ऐसा रिश्ता हो,जिसका कोई नाम न हो,
भले ही वो पास न हो,पर धङकन तक पहचानता हो,
मेरी आँखों में जो आए आँसू,उसका वहां पर दिल घबराए,
जो मैं कभी हो जाऊं उदास,तो उससे भी रहा न जाए,
जब मैं करूं उसको जो याद,उसको भी फिर चैन न आए,
जब भी मैं उसको पुकारूं,झट से वो मेरे सामने आए,
मैं उससे कुछ भी न कहूँ,बिना कहे वो सब जान जाए,
मैं उससे कुछ भी न छुपाऊं,वो भी मुझसे कुछ भी न छुपाएं,
यदि ऐसा प्यारा रिश्ता हो जाए,इसके बाद फिर क्या रह जाए,
ख्वाइश शांति से जीवन गुजारने की,उसी पल पूरी हो जाए!!!
जय सांई राम~~~