ॐ सांई राम~~~
कभी हस लिया कभी रो लिया
कभी खा लिया कभी सो लिया
कभी सोते दामन भिगो लिया
कभी खुद को खुद में डुबो लिया
कभी भाग जाने को दिल किया
कभी ये किया कभी वो किया
एक पल जो सोचा बैठ कर
अरे ये क्या हमने कुछ भी नहीं किया
जो गुनाह किया उसका फल लिया
शायद यही एक भला हुआ
जो मेरा गुनाह मुझे बयां हुआ
माफिया मांगी मैने किये सज़दे
पर गुनाह तो गुनाह किया..........
जय सांई राम~~~