ॐ सांई राम!!!
सांई की दिवानी~~~
सांई सांई जपते जपते हो जाऊँ दिवानी,
अब तो यही तमन्ना है,जानूं इसी नाम से जानी~~
भूल जाऊँ मैं तेरा-मेरा भुलाऊँ अपना-पराया,
ना हो मेरा मोह किसी से झूठी समझूं काया,
हो जाऊँ सांई अब तो मैं इस जग से बैगानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
अपने ही रंग में रंग ले सांई उतरे न जीवन भर,
सुध-बुध खो कर तुझे ही देखूं मैं जाऊँ जिस अओर,
याद तुझे ही करते करते आँखों में भर आये पानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
क्या पाना था,क्या पाया अब ये समझ में आये,
सांई से बढकर अब कुछ भी नहीं है मन था मेरा भरमाया,
तोङा मेरा भ्रम यह सारा अब तो बदली कहानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
टूट जाए अब बंधन मेरे जुङ जाए सांई से नाता,
ऐस नाता जो,मेरा सांई जन्म-जन्म है निभाता,
ऐसा सुना है मैने अपने बङों की ही ज़ुबानी,
अब तो यही तमन्ना है...........
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!