ॐ सांई राम!!!
मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब गिर के मुश्किल हो संभलना सांई,
मेरा हाथ पकङना सांई~
जब आँसू भूल जाए सूखना,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब टूट जाए मेरी सब आशा,
जब चारों और हो घोर निराशा,
जब सागर के पास हो कर भी,
मन हो मेरा प्यासा का प्यासा,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब कोई न हो मेरा अपना,
जब जग झुठा सपना,
जब उदासी भरा हो मन मेरा,
और भूल जाये वो हसनाँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब कोई अपना छूट जाये,
जब कोई सपना टूट जाये,
जब किसी से कोई आस न हो,
जब किसी पर विश्वास न हो,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
जब चारों और अंधेरा हो,
जब दिखता न कहीं सवेरा हो,
जब बोल न मैं कुछ पाऊँ,
और मन ही मन घबराऊँ,
तब,मेरा हाथ पकङना सांई~~~
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!