ॐ सांई राम!!!
माना मेरे सांई!!!
इतना सुख मेरे सांई तुने दिया,
माना कि इन सुखों के काबिल नहीं हूँ मैं,
हर दुःख में तूने साथ न छोङा,
माना की तेरे साथ के काबिल नहीं हूँ मैं।
तेरी कृपा की छाया में बैठी रहूँ,
बस इतनी कृपा करना मेरे सांई,
इन चरणों में पङा रहने दे मुझे,
माना की इन चरणों के काबिल नहीं हूँ मैं।
तूँ ही बता कैसे पाऊँ तुझे सांई,
भटक न जाऊँ ये डर है मुझे,
हाथ पकङ कर राह दिखा सांई,
माना की इस राह पे चलने के काबिल नहीं हूँ मैं।
अब तो क्षमा कर मेरे गुनाह सांई,
हर फैसला तुझ पर छोङा है,
जान-बूझ कर कर अंजान न बन सांई,
माना की तेरी माफी के काबिल नहीं हूँ मैं।
~सांई सुधा
जय सांई राम!!!