ॐ साईं राम
सबका मालिक एक
साईं नाम सुनाम के
परम भाव अनेक
अति उत्तम इक भाव है
सबका मालिक एक
द्वैत भाव की तोड कर
बीच खडी दीवार
ईश सभी का एक ही
बतलाया करतार
प्राणी प्राणी में करो नहीं
जाति धर्म का भेद
प्रेम सभी के ह्रदय बसे
होवे नहीं विच्छेद
जन्म से ऊँचा कोई नहीं
ना नीचा कोई धर्म
ऊँचा उसी को जानिए
जिसके ऊँचे कर्म
तेरा मेरा करे नहीं
हिंदु या इस्लाम
जन जन बाँटे प्रेम जो
सज्जन वही सुजान
सम है सभी में आत्मा
सम है सभी में प्राण
एक ही साईं सबका है
सबमें साईं मान
सबका मालिक एक है
अल्लाह कहो या राम
रस्ते चाहे अलग अलग
सबका एक ही धाम
सागर में नदिया कई
आकर के मिल जावें
छोड के निज अस्तित्व को
सागर ही कहलावें
ऐसे ही सब आत्मा
परमात्मा का अंश
एक में जाकर सभी मिलें
होवें तभी अनन्त
~Sai Sewika
जय साईं राम